भोपाल। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्य में राजनैतिक दलों को बच्चों का उपयोग नहीं किए जाने के लिए कहा है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री जयदीप गोविन्द ने उक्त निर्देशों की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारियों को भी दी है।
जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा गया है कि वे आयोग की मंशा के अनुरूप विधानसभा चुनाव के दौरान इसका पालन सुनिश्चित करें।
भारत निर्वाचन आयोग ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश का हवाला दिया है, जिसमें किशोर न्याय अधिनियम में किशोर की उम्र 14 वर्ष की कम आयु के बच्चों के साथ-साथ 18 वर्ष तक के किशोरों पर भी लागू होगी। न्यायालय के आदेश में कहा गया था कि किशोर न्याय (देखरेख व संरक्षण) अधिनियम 2000 गैर अनुसूचित धंधों व कार्यों में 14 वर्ष की कम आयु के बच्चों के साथ-साथ 14 से 18 वर्ष के किशोर पर भी लागू होगा। लिहाजा निर्वाचन आयोग ने राजनैतिक दलों को सलाह दी है कि वे चुनाव प्रचार कार्य में 18 वर्ष की उम्र तक के बच्चों का उपयोग नहीं करें।