इंटर्नशिप के नाम पर सोशल मीडिया नेटवर्कर्स का मुफ्त यूज कर रही है बीजेपी

shailendra gupta
भोपाल। मुफ्त में मैनपॉवर का यूज करना तो कोई बीजेपी से सीखे। अब वो इंटर्नशिप के नाम पर सोशल मीडिया नेटवर्कर्स का यूज कर रही है। एक सर्टिफिकेट के लिए उन्हें 4 महीने तक सोशल मीडिया पर बीजेपी को प्रमोट करना होगा।

आमतौर पर कंपनियों में इंटर्नशिप के बारे में तो आपने सुना होगा लेकिन अब यही काम बीजेपी में भी हो रहा है। हालांकि कंपनियों और बीजेपी में फर्क इतना है कि बीजेपी ने न तो इसके लिए विज्ञापन दिया है और न ही इसके लिए कोई इंटरव्यू हो रहा है लेकिन पार्टी यंगस्टर्स को अपनी पार्टी में चुनावी काम दे रही है। इनमें से सबसे बड़ा वर्ग वही है, जो सोशल मीडिया या इंटरनेट से जुड़ा या फिर वह टेक-सैवी है।

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि हालांकि पहले से ही इस फील्ड के कई लोग पार्टी से जुड़ चुके हैं और वे बाकायदा नरेन्द्र मोदी के लिए वे सभी तकनीकी प्लेटफॉर्म तैयार करते रहे हैं, जिनके जरिए मोदी की बात को मि​डल क्लास से लेकर दूर दराज के इलाकों में रहने वालों तक पहुंचाई जा रही है। फिलहाल जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें से चार राज्यों में भी बीजेपी ऐसे युवाओं को जोड़ रही है, जो चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों का प्रचार कर सकें।

बीजेपी को मालूम है सोशल मीडिया की ताकत

बीजेपी के एक नेता के मुताबिक ऐसा करना इसलिए जरूरी है, क्योंकि बीते 10 साल में राजनीति का मिजाज तेजी से बदला है। इसके तहत न सिर्फ वर्करों की परिभाषा बदली है बल्कि काम का स्टाइल में भी जमीन आसमान का अंतर आ गया है। पहले राजनीतिक प्रचार नुक्कड़ सभाओं से लेकर जलसे जुलूसों के जरिए होता था लेकिन अब चुनाव आयोग की सख्ती और बदले हालात में प्रचार के तरीके में बड़ा बदलाव आया है।

अपने कार्यकर्ताओं पर नहीं है भरोसा

नई तकनीक का यूज होने लगा है और अब दरी बिछाने वाले निस्वार्थ कार्यकर्ताओं का भी टोटा पड़ने लगा है। जो कार्यकर्ता मिलते भी हैं तो वे भी चुनाव के दिनों में रोजाना के हिसाब से पैसा मांगते हैं लेकिन इन वर्करों पर भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह जरूरी नहीं कि एक दिन बीजेपी के लिए काम करके दूसरे दिन विरोधी पार्टी के लिए काम नहीं करेंगे। ऐसे में गड़बड़ी की आशंका रहती है।

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि चूंकि अब चुनाव जमीन के साथ तकनीक का भी महत्व बढ़ा है इसलिए तकनीकी तौर पर दक्ष और नई सोच वाले युवा कार्यकर्ताओं की जरूरत है। इसी वजह से अब पार्टी ऐसे युवाओं को अपने साथ जोड़ रही है, जिनकी सोच पार्टी से मिलती है।

चार महीने लेंगे काम

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि वह अब ऐसे युवाओं को जोड़ रही है, जो चार माह बीजेपी को देना चाहते हैं। ऐसे में उन युवाओं की एजुकेशन और टेक्निकल स्किल के तहत काम सौंपा जाएगा। बीजेपी के आईटी सेल की रीढ़ तो युवा ही हैं, जो सोशल मीडिया से लेकर मोदी की रैली के लाइव टेलिकास्ट तक के लिए तकनीक का इंतजाम करते है। राज्यों में तो यह प्रयोग हो ही रहा है, पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए भी यही तरीका अपना रही है। मध्यप्रदेश बीजेपी के नेता कैलाश विजयवर्गीय के मुताबिक राज्य के 30 से ज्यादा जिलों में इस तरह की टीमें काम कर रही हैं।

थोड़ा बहुत खर्चा दे देंगे

बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अरविंद गुप्ता के मुताबिक देश विदेश के कई युवा पार्टी से संपर्क करके काम करने की इच्छा जता रहे हैं और हम उनका स्वागत भी करते हैं। चेन्नै में ही बीते दो दिन में 100 युवा बीजेपी के लिए काम करने की पेशकश कर चुके हैं। जो स्टूडेंट हमसे जुड़ते हैं, उनके लिए तो हम स्टाइपेंड का इंतजाम करते हैं लेकिन जो आर्थिक तौर पर अपना खर्च चला सकते हैं, ऐसे लोगों के रहने और खाने का इंतजाम बीजेपी करती है।

केजरीवाल भी कर रहे हैं भर्तियां, कांग्रेस भी पीछे पीछे

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में बनी आप पार्टी तो इसके लिए बाकायदा फेसबुक पर विज्ञापन देकर यंग टैलंट को पार्टी में ट्रेनिंग के लिए बुला रही है। विज्ञापन के अनुसार पार्टी को ऐसे यंग टैलंट चाहिए जो करप्शन का खुलासा कर सके, जुझारू हों और आप की राजनीति से सहमति रखते हों। सूत्रों के अनुसार, कई आईआईटी के पुराने स्टूडेंट्स भी आप के साथ जुड़े हैं। वहीं कांग्रेस अपने सोशल मीडिया सेल में यंग टैलंट्स को इंटर्न रख रही है। नरेंद्र मोदी पर जवाबी हमले के लिए इस सेल को हाल ही में प्रोत्साहित किया गया है। इस सेल में करीब एक दर्जन मैनेजमेंट स्टूडेंट्स भी इंटर्नशिप कर रहे हैं।

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