भोपाल। मूलत: बिहार के रहने वाले प्रभात झा मध्यप्रदेश में खुद को बिहारी कहलाना पसंद नहीं करते। शायद इसमें उन्हें शर्म आती है। यह अनुमान इसलिए क्योंकि इस बार उन्होंने छठ पूजा तक नहीं की, जबकि यह बिहार का एक लोकप्रिय त्यौहार है।
छठ पूजा के अवसर पर प्रभात झा भोपाल में ही थे। यहां बिहारियों ने छठ पूजा का आयोजन भी किया परंतु प्रभात झा इससे इतर ही रहे। वो बिहार के मिथिला प्रांत से आते हैं जहां के ब्राह्मणों का सर्वाधिक रुचिकर भोजन दही—भात, मछली और रसगुल्ला है, लेकिन प्रभात झा जब मध्यप्रदेश में होते हैं तो इससे परहेज करते हैं। वो फोन पर अपने गांव वालों से खूब बतियाया करते हैं परंतु सर उठाकर छठपूजा नहीं करतें।
ये कैसा दोहरा चरित्र।