भोपाल। लगातार 10 सालों तक भाजपा का विरोध करने वाले मूलत: कांग्रेसी पृष्ठभूमि के कर्मचारी नेता एवं अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार को कर्मचारी संगठनों ने गद्दार और धोखेबाज करार देते हुए इसका विरोध किया है।
अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष रहे मुरलीधर पाटीदार मूलत: कांग्रेस विचारधारा के कर्मचारी नेता माने जाते रहे हैं, बताया जाता है कि पाटीदार एनएसयूआई के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं एवं शिवराज सिंह सरकार के खिलाफ लगातार उग्र आंदोलन करते रहे। पूरा एक साल भी नहीं बीता, पाटीदार समान कार्य समान वेतन की मांग को लेकर आमरण अनशन पर थे, परंतु इसके बाद से ही पाटीदार ने अध्यापकों के आंदोलन को टालने और अध्यापकों को मिसगाइड करने का काम शुरू कर दिया जो लगातार चलता रहा।
अंतत: असलियत सामने आ गई जब मुरलीधर पाटीदार को भाजपा ने सुसनेर विधानसभा से प्रत्याशी घोषित कर दिया। वहां सुसनेर में भाजपा विधायक संतोष जोशी के समर्थक सहित ज्यादातर भाजपा कार्यकर्ता पाटीदार को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं तो इधर प्रदेश भर के कर्मचारी संगठनों ने भी इसका विरोध किया है।
शिक्षक संघ ने पाटीदार को बीजेपी का टिकट दिए जाने को शिक्षकों के साथ धोखा करार दिया है। मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस और प्रधानाध्यापक परिषद ने भी पाटीदार पर निशाना साधते हुए इसे शिक्षकों के साथ छलावा बताया है। साथ ही भाजपा को चेतावनी दी है कि ऐसे गद्दारों को सरपरस्ती देने वाली भाजपा को इसके परिणाम मतदान के दिन भुगतने होंगे।
परिणाम जो भी हो परंतु फिलहाल जो स्थिति सामने आ रही है उसके अनुसार भाजपा ने मुरलीधर पाटीदार को टिकिट देकर एक बड़ा जोखिम मोल ले लिया है। सुसनेर विधानसभा के परिणाम क्या होंगे यह तो भविष्य ही बताएगा परंतु नाराज अध्यापकों की नेगेटिव वोटिंग लगभग तय हो गई है। मध्यप्रदेश के तीन लाख अध्यापक परिवार समान वेतन की मांग पूरी ना होने के कारण पहले से ही नाराज चल रहे थे, पाटीदार के टिकिट में इस आग में घी का काम कर दिया है।
सनद रहे कि मुरलीधर पाटीदार हमेशा अध्यापकों के दूसरे संगठनों को शिवराज का पिछलग्गू और सरकार का दलाल करार देते रहे थे।