MLB Collage में लगेंगे मोबाइल जैमर और सीसीटीवी कैमरे

भोपाल। राजधानी के एमएलबी कॉलेज में जनवरी से मोबाइल फोन पर बात नहीं हो सकेगी। इसके लिए कॉलेज प्रशासन ने कॉलेज में जैमर लगाने का निर्णय है। जनवरी अंत तक कॉलेज परिसर में जैमर इंस्टॉल कर दिया जाएगा। वहीं, गर्ल्स कॉलेज कैंपस में छात्राओं और प्रोफेसरों की गतिविधियां कैमरे कैद हो जाएंगी।

प्रिंसिपल अपने रूम में बैठे-बैठे कैंपस के चप्पे-चप्पे पर नजर रख सकेंगी। इसके लिए कॉलेज में 26 सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं, ताकि पूरे कॉलेज परिसर पर नजर रखी जा सके। कॉलेज के मैन गेट पर, बरामदे, हॉल सहित कई महत्वपूर्ण कई कक्षों में कैमरे लगाए गए हैं। महारानी लक्ष्मी बाई कन्या महाविद्यालय (एमएलबी) की प्रिंसिपल मंजुला शर्मा ने बताया कि कंट्रोल रूम प्राचार्य कक्ष में बनाया गया है।

पूरा कॉलेज कैमरों की नजर में होने के कारण अब स्टाफ के किसी भी सदस्य ने लापरवाही दिखाई तो वह पकड़ा जाएगा। इसके तहत अब कॉलेजों में होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखने में आसानी होगी। सूत्रों का कहना है कि कॉलेज परिसर में छात्राएं क्लास टाइम में चोरी-छिपे बातें करती हैं। इसके चलते कई बार कई छात्राओं को प्रबंधन द्वारा मोबाइल पर बात करते पकड़ा भी जा चुका है।

श्रीमती शर्मा ने बताया कि कॉलेज में जैमर लगाया जाएगा। जनवरी के अंतिम सप्ताह में कॉलेज परिसर में जैमर स्टॉल कर दिया जाएगा। फिलहाल चुनाव के चलते इसको नहीं लगाया जा रहा है। चुनाव बाद इसके लिए टैंडर किया जाएगा। इधर, मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय की प्राचार्य आभा गार्गव ने बताया कि कॉलेज में आए दिन छात्रों के बीच होने वाली मारपीट और अन्य गतिविधियों पर नजर रखने में दिक्कत होती है।

इसको देखते हुए जनभागीदारी समिति को प्रस्ताव भेजकर कॉलेज में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आग्रह करेंगे। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरें लगने से महाविद्यालय के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाएगी और संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर दोषी छात्र पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

अब कैमरों से भी होगी सुरक्षा

सीसीटीवी कैमरे 24 घंटे आॅन रहेंगे। कॉलेज बंद होने के दौरान भी कैमरे हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। यदि कोई असामाजिक तत्व चोरी या अन्य वारदात करने कॉलेज में घुसता है तो वह भी कैमरे के रिकार्ड में कैद हो जाएगा। इसे बाद में देखा जा सकता है। सीसीटीवी कैमरों के लगने के बाद अब कॉलेज प्रबंधन को काफी सुविधा हो जाएगी। साथ ही कॉलेज आने-जाने वालों की टाइमिंग भी सुधारी जा सकेगी।


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