गुना (मध्यप्रदेश)। मध्यप्रदेश में पीएमटी परीक्षा में हुए व्यापक घोटाले के तार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जुड़े होने का आरोप लगाते हुए कांगे्स महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है।
सिंह ने चाचोडा में कांगे्रस प्रत्याशी शिवनारायण मीणा के पक्ष में एक चुनावी सभा को संबोधित करते कहा कि यदि व्यावसायिक परीक्षा मंडल के पूर्व संचालक पंकज त्रिवेदी की कॉल डिटेल्स निकलवाकर जांच की जाए तो साफ हो जाएगा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उन्होंने कितनी बार बात की।
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपने मूल सिद्धान्त से भटककर व्यक्तिवादी पार्टी हो गई है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आगे भाजपा पीछे, मुख्यमंत्री रमन सिंह आगे और भाजपा पीछे तथा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी आगे और भाजपा पीछे-पीछे चल रही है।
सिंह ने अपने कार्यकाल में हुए कार्योंं का जिक्र करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में शिक्षाकर्मियों और पंचायतकर्मियों जैसे पदों की नियुक्ति के अधिकार ग्राम पंचायतों, नगर पंचायतों व नगर निकायों को दिए गए थे लेकिन भाजपा सरकार ने ए अधिकार छीनकर व्यापम को दे दिए, जिससे बेरोजगारों से भर्ती परीक्षा में मोटा परीक्षा शुल्क वसूलकर बेरोजगारों को रुला दिया है।
सिंह ने कहा कि उनके शासन में जमीनों के अविवादित बंटवारे और नामांतरण के अधिकार पंचायतों को दिए गए थे लेकिन भाजपा सरकार ने पंचायतों से ए अधिकार छीन लिए हैं जिससे नामांतरण आदि में पांच से 10 हजार रुपए तक की रिश्वत गरीबों को देनी पड़ती है।
इसके चलते प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर आ गया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस शासन में बेरोजगारों का मध्यप्रदेश के पंजीयन कार्यालयों में पंजीयन आवश्यक कर दिया गया था जिससे प्रदेश के बेरोजगारों को ही अवसर दिया जाता था, लेकिन भाजपा सरकार ने पंजीयन समाप्त कर बाहर के बेरोजगारों को ला खड़ा किया जिससे प्रदेश के बेरोजगारों की कमर टूट गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में यदि कांग्रेस पार्टी आती है तो सहकारी व भूमि विकास बैंकों में किसानों के 51 हजार से कम के कर्जे माफ कर कटे पड़े बिजली कनेक्शनों के बिल माफ किए जाएंगे और एकबत्ती कनेक्शन, पांच हॉर्स पावर मोटर पर बिजली मुफ्त दी जाएगी।
सिंह ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार ने बिजली बिल नहीं चुकाने पर करीब डेढ़ लाख किसानों को जेल में बंद करा दिया जबकि करोड़ों के बकायदारों को खुली छूट दे रखी है। लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही है, जबकि उनसे दाम पूरा वसूला जा रहा है। भाषा