झाबुआ से संजय पी लोढा। कहने को तो राज्य शिक्षा केन्द्र व शासन विद्यार्थीओं के लिए कई योजनाए शुरू करता है कितुं इन योजनाओं की जमीनी हकीकत क्या है यह जानना जरूरी नहीं समझता है, तभी तो एसी कई योजनाएं हैं जो केवल कागजों पर तो होती है कितुं अव्यवस्थाओं के कारण धरातल पर आकार नहीं ले पाती है।
एसा ही मामला देखने में आया है कि लोक शिक्षण संचालनालय, स्कूल शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा विज्ञान और प्रद्योगिकी विभाग,भारत सरकार नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित हाने वाली इंस्पायर अवार्ड विज्ञान प्रदर्शनी योजना में भाग लेने वाली छात्रा को तीन वर्ष बाद राशि का चेक नहीं मिला है। शाकसीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की वर्ष 2010 की कक्षा 12वीं की छात्रा सुरभि गांधी इस योजना के लाभ से वंचित है।
उल्लेखनीय है कि विद्यालय की छात्रा सुरभि गांधी ने झाबुआ में 3 अगस्त 2010 को जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लिया था। जहां से उनका चयन राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी के लिए हुआ था. 15 व 16 नवंबर को भोपाल में माडल बनाकर ले गए थे।. नियमानुसार माडल बनाने वाली विद्यार्थी को 5 हजार रूपए का चेक मिलना थे। जिसमें आने-जाने का खर्च,माडल बनाने का खर्चा आदि सम्मिलित है, लेकिन वर्ष 2010 में भाग लेने वाली छात्रा को तीन वर्ष बाद भी राशि का चेक नहीं मिला है। इधर छात्रा और अभिभावक स्कूल के चक्कर काट-काट कर परेशान हो रहे हैं।
एक रूपया भी नहीं मिला
छात्रा सुरभि गांधी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2010 में इंस्पायर अवार्ड विज्ञान प्रदर्शनी योजना में भाग लिया था,किंतु आज तक उन्हे एक रूपया भी नहीं मिला. उन्होने बताया कि स्कूल में चेक आया तो जरूर था,लेकिन चेक पर लिखी तारीख निकल गई थी। जिससे बैंक ने उस चेक को लेने से मना कर दिया था., उस चेक को स्कूल में दे दिया गया था,जहां से चेक झाबुआ भेजा गया और उसके बाद से नया चेक वापस आया ही नहीं. उन्होने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी की है।
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हमने चेक के लिए वरिष्ठों,झाबुआ को दो बार लिखा है और कई बार मोखिक रूप से अवगत भी करवा चुंके है.आप कह रहे है त¨ एक बार और चर्चा कर लेंगे।
राजेश झा,
प्रधानअध्यापक,कन्या उमा विद्यालय,बामनिया
दिखवता हूं
यह मामला आपने मैरे संज्ञान में लाया है. मैं दिखवाता हूं कि इस मामले में क्या ह¨ सकता है.
एसएस मुजाल्दा,
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी व डिप्टी कलेक्टर,झाबुआ