भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल ‘व्यापम’ की ओर से पिछले सात-आठ वर्षों में विभिन्न परीक्षाएं आयोजित करके एक लाख 47 हजार नियुक्तियां हुई हैं जिनमें से लगभग एक हजार में व्यापक अनियमितताएं हुई हैं।
चौहान ने राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि शुरुआत में वह भी मानते थे कि व्यापम की परीक्षाओं में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती है लेकिन गड़बडिय़ों की बात सामने आने पर वह भी बेहद आहत महसूस कर रहे हैं।
साथ ही उन्होंने दृढ़ता के साथ कहा कि इस मामले की जांच विशेष कार्य बल (एसटीएफ) पूरी निष्पक्षता से कर रहा है और इसमें दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। भले ही दोषी कोई भी व्यक्ति हो।
मुख्यमंत्री ने एक घंटे से अधिक समय में विपक्षी सदस्यों के आरोपों के जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने कभी भी सदन को असत्य जानकारी नहीं दी और न ही गुमराह किया। बल्कि उन्होंने नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे की ओर मुखाबित होते हुए कहा कि उन्हें विपक्षी दल का होने के नाते सरकार को कठघरे में खड़ा करने का अधिकार है लेकिन यह काम तथ्यों के आधार पर करना चाहिए।
मुख्यमंत्री के जवाब के बाद कटारे और विपक्ष दल कांग्रेस के अनेक सदस्यों ने व्यापम घोटाले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग फिर से दोहरायी और कहा कि चौहान ने अपने उत्तर में इसके समेत अनेक बिंदुओं का जवाब नहीं दिया है। हालांकि अध्यक्ष डॉ सीताशरण शर्मा ने इसकी अनुमति नहीं दी और अभिभाषण पर पेश किए गए धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित करा दिया। इस बीच कटारे ने उन्हें सदन में बोलने नहीं देने का आरोप लगाते हुए बहिर्गमन की घोषणा की और कांग्रेस के सभी सदस्यों ने बहिर्गमन कर दिया।
नवगठित चौदहवीं विधानसभा का पहला सत्र शुरू होने के बाद राज्यपाल का अभिभाषण हुआ था। इस पर सत्तापक्ष की ओर से पेश किए गए धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान तीन दिन पहले विपक्षी सदस्यों ने मुख्य रूप से व्यापम घोटाला उठाते हुए इसकी सीबीआई से जांच की मांग की थी।