भोपाल। कांग्रेस की रेडचिली एमएलए कल्पना परुलेखकर 'आप' की ओर बढ़ रहीं हैं तो भाजपा में शामिल हुए उमा भारती समर्थक भी 'आप' में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। इसके अलावा कई रिटायर्ड अफसर और ईमानदार प्रोफेशनल्स भी 'आप' की ओर आशाओं से देख रहे हैं।
मध्यप्रदेश में 'आप' ने सर्द हवाओं को गरम कर रखा है। हजारों नॉन पोलिटिकल बैकग्राउण्ड वाले प्रोफेशनल्स 'आप' की ओर आशाओं भरी नजरों से देख रहे हैं। वो राजनीति ज्वाइन करना नहीं चाहते परंतु 'आप' को ताकत देना जरूर चाहते हैं, केवल इसलिए ताकि 'आप' अपने सिद्धांतों पर टिकी रह पाए।
इधर मध्यप्रदेश की राजनीति में 'आप' ने तहलका मचा रखा है। हड़बड़ाए सीएम आधी आधी रात को शॉल ओढ़कर लोगों को रैन बसेरों के एड्रेस समझा रहे हैं। सुबह होते ही कलेक्टरों को आपात मीटिंग आयोजित करनी पड़ रहीं हैं। खुफिया रिपोर्ट आप के पक्ष में हैं और शिवराज बहुत बेहतर जानते हैं कि यदि उनकी मनमोहक छवि को धूमिल करने की कोई ताकत रखता है तो वो है केजरीवाल का संगठन 'आप' जिसे वो पिछले काफी समय से बैलेंस करते आ रहे थे।
कांग्रेस की तेज तर्रार नेत्री और उज्जैन की महिदपुर सीट से विधायक कल्पना परुलेकर आप के साथ होने जा रही हैं। उन्होंने भाजपा के अलावा अपनी पार्टी कांग्रेस को भी खूब खरी- खोटी सुना डालीं। उन्होंने कह दिया कि करप्शन जैसे मुद्दे पर यदि कांग्रेस नेताओं ने उनका साथ दिया होता, तो मप्र में हजारों करोड़ के घोटाले नहीं होते। उन्होंने अपनी चिरपरिचित शैली में दो टूक कहा कि दिल्ली से ज्यादा मप्र में भ्रष्टचार है। कल्पना ने साफ कहा कि वे कांग्रेस में घुटन महसूस कर रही हैं।
इधर भाजपा में शामिल हुए भाजश के कार्यकर्ता भी भाजपा में घुटन महसूस कर रहे हैं। भाजपा में उनके साथ ठीक वैसा ही व्यवहार किया जा रहा है जैसा कि पाकिस्तान में भारत के गए मुसलमानों के साथ होता है। अपनी ही भाजपा में पीड़ित उमा समर्थक अब 'आप' में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। वो उमा भारती पर भी पूरा प्रेशर बना रहे हैं कि उमा भी 'आप' में शामिल हो जाएं परंतु पुराने अनुभवों के चलते फिलहाल उमा कोई फैसला नहीं ले पा रहीं हैं, अलबत्ता 'आप' की तारीफ कर इशारे जरूर कर रहीं हैं। उन्होंने अपने समर्थकों को 'आप' में शामिल होने की अघोषित अनुमति दे दी है।
देखना रोचक होगा कि मध्यप्रदेश में 'आप' का ढांचा कैसे बनकर तैयार होता है और इसमें किस तरह के चेहरे लीडिंग पोजीशन में सामने आते हैं। हजारों लोग तो केवल लीडर्स के चेहरों का ही इंतजार कर रहे हैं। यदि 'आप' के सुपर संचालकों ने मध्यप्रदेश में लीडर्स का चुनाव ठीक प्रकार से कर लिया तो इसमें कोई दो राय नहीं कि मध्यप्रदेश में 'आप' इस प्रदेश के सबसे समझदार और एक्टिव लोगों की पार्टी होगी।