भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता असलम शेर खां ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की बदहाली के लिए केंद्रीय मंत्री कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है कि इन नेताओं का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सौदा है।
यही कारण है कि ये नेता तो जीत जाते हैं, मगर बाकी जगहों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ता है। राजधानी भोपाल में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए असलम शेर खां ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं के कारण पार्टी का बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले ही मैंने कहा था कि इन नेताओं में 70 से 80 सीटें जिताने की क्षमता है, लिहाजा इनकी सिफारिश पर इतने ही उम्मीदवारों को टिकट दिया जाना चाहिए था, मगर ऐसा नहीं हुआ, नतीजा सामने है।
उनका मानना है कि नेताओं की क्षमता के हिसाब से उनकी सिफारिश पर टिकट दिए जाते और शेष स्थानों के लिए गरीब कांग्रेस कार्यकर्ता को टिकट दिए जाते तो नतीजे कुछ और आते। खां का कहना है कि तीन नेताओं कमलनाथ, दिग्विजय और सिंधिया ने कांग्रेस को अपने दिल्ली के बंगलों में कैद कर रखा है, यही कारण है कि राज्य में कांग्रेस की हालत नहीं सुधर पा रही है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं का भाजपा से समझौता है, यही कारण है कि ये तीनों नेता जीत जाते हैं, मगर राज्य के अन्य स्थानों पर कांग्रेस हार जाती है। ये नेता भाजपा से अपनी जीत व पार्टी की हार का समझौता करते हैं।
पार्टी हाईकमान द्वारा अरुण यादव को प्रदेश कांग्रेस इकाई का अध्यक्ष बनाए जाने पर शेर खां ने कहा कि अरुण के पिता सुभाष यादव को भी पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी, तब कांग्रेस ने बड़ी कामयाबी हासिल की थी, मगर चुनाव से कुछ समय पहले ही उन्हें हटा दिया गया था और पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। खां बोले, "अरुण यादव को अपने पिता की तरह काम करना चाहिए, साथ ही दिग्गज नेताओं के दबाव से बचते हुए जिम्मेदारी का निर्वाहन करना चाहिए।"