भोपाल। राजधानी के ज्यादातर स्कूलों में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। स्कूल बसों में न तो डबल डोर लगे हैं और न ही खिड़कियों में डबल आड़ी ग्रिल लगी हैं। इसके अलावा बच्चों के बैग रखने के लिए सीट के नीचे जगह तक नहीं है और न ही बस चालकों के पास बस संचालन के लिए पांच साल पुराना लायसेंस हैं।
यह खुलासा बुधवार को परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह द्वारा पॉलीटेक्निक एवं भदभदा चौराहे पर निरीक्षण के दौरान सामने आया। परिवहन मंत्री सिंह ने स्कूल बसों में बैठे छात्र- छात्राओं से चर्चा कर बस में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने विद्यार्थियों को बस में उपलब्ध होने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। इस दौरान आनंद विहार मॉडल स्कूल बाबई, राधारमण कॉलेज, माई फ्लॉवर पब्लिक स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, आईईएस कॉलेज, कोपल विद्यापीठ आदि की बसों का निरीक्षण किया। जांच अधिकारियों में आरटीओ एमएल सोनी, एआरटीओ प्रदीप शर्मा आदि मौजूद थे।
तीन बसों को जब्त करने के निर्देश
आरटीओ एमएल सोनी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन नहीं करने वाली स्कूलों की जांच की गई। इसमें आईईएस कॉलेज, कोपल विद्यापीठ, आनंद विहार मॉडल स्कूल बाबई की बसें, कोर्ट की गाइड लाइन का पालन नहीं करती पाई गई। इसलिए बसों को जब्त करने के निर्देश दिए। मंत्री ने इस दौरान मिनी बसों की भी जांच की।
फिट बसों के चालकों को मिलेगा ईनाम
मंत्री सिंह ने बताया कि जिन बसों में कोर्ट की गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है और वो पूरी तरह फिट हैं। उन बस मालिकों इनाम दिया जाएगा। इसके लिए निर्देश जारी किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने विभागीय अमले को बसों के सतत निरीक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों के अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने नौ-निहालों की सुविधाओं और सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें।
पालन नहीं किया तो परमिट पर लगेगी रोक
परिवहन मंत्री सिंह ने बस आपरेटरों से कहा है कि यह अंतिम बार मौका दिया जा रहा है। अब यदि सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया तो उनके परमिट पर रोक लगा दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब कोई बहाना नहीं चलेगा।
40 से ज्यादा रफ्तार पर लगाई पाबंदी
मंत्री ने बस आनर्स से कहा कि वे अपने बस चालक को स्पष्ट कर दें कि बस की स्पीड 40 किमी प्रति घंटे से अधिक न हो। उन्होंने कहा कि इससे अधिक गति होने पर लाइसेंस और परमिट निरस्त किए जाएंगे।