भोपाल। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में वेतन घोटाले का खुलासा हुआ है। पता चल रहा है कि कर्मचारियों को तय मानदंडों के इतर मनमाने ढंग से सेलेरी दी जा रही है। जिससे शासन को करोड़ों की राजस्व क्षति हो रही है।
इस मामले का खुलासा करते हुए स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों ने एक आवेदन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम भेजा है। हम यह आवेदन जैसा का तैसा प्रकाशित कर रहे हैं, आप भी पढ़िए क्या कुछ खुलासा हो रहा है इस मामले में:—
प्रति,
श्रीमान् मुख्यमंत्री महोदय,
मध्यप्रदेश शासन
भोपाल
बिषयः-लोक स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग में वर्तमान में लागू की गई मूल मासिक वेतन में घोटाला बावत्।
संदर्भः-डाॅ. एम. गीता, मिशन संचालक, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन भोपाल मध्यप्रदेश का पत्र क्रमांक/ एन.आर.एच.एम./एच.आर./2014/443 भोपाल दिनांक 16.01.2014
आदरणीय महोदय,
उपरोक्त बिषय में निवेदन है कि संदर्भित पत्र द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत जिला स्तर पर कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के मूल मासिक वेतन का निर्धारण किया गया है। जिसमें कई प्रकार की खामियां है तथा मुख्यालय पर कार्यरत संविदा/नियमित अधिकारियों द्वारा युवा संविदा कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया गया है। जो कि निम्नानुसार है-
पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम जो कि शासन का अतिसंवेदन शील कार्यक्रम है में कार्यरत जिला स्तरीय कर्मचारियों (डाटा एण्ट्री आॅपरेटर, एसटीएस तथा एसटीएलएस आदि) को सक्षम लाभ नहीं हो रहा है क्योंकि कार्यक्रम में प्रतिवर्ष 05 प्रतिशत वेतनवृद्धि का प्रावधान किया गया है जिससे कार्यरत कर्मचारियों का वेतन वर्तमान में लागू की गई मूल मासिक वेतन अधिक हो रहा है और संदर्भित पत्र अनुसार उन्हें कोई लाभ नहीं हो रहा है जबकि नियमित कर्मचारियों के वेतन निर्धारण पर उन्हें कुछ न कुछ लाभ अवश्य प्राप्त होता है। और संविदा कर्मचारियों नियमित कर्मचारियों से अधिक ही कार्य कर रहें है।
इसी प्रकार एकीकृत रोग निगरानी परियोजना में कार्यरत कर्मचारियों को वर्ष 2009 से एक ही वेतन प्रदाय किया जा रहा है तथा उन्हें कोई वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं दी गई तथा उनसे कम योग्यता के एनआरएचएम के कर्मचारी जिला डाटा सहायक जो कि अब माॅनीटरिंग एवं इवेल्यूयेशन अधिकारी बनाकर अधिक पिछले बर्षों में वेतन 12000.00 रुपये वर्ष 2012-13 तक 20000.00 रुपये दिया गया तथा इस वर्ष उन्हें 25000.00 रुपये वेतन दिया जा रहा है। जिला एपीडिमियोलाॅजिस्ट को वेतन अपनी मनमर्जी से 35000.00 के बजाय 40000.00 तथा इससे अधिक दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतगर्त तो वेतनवृद्धि घोटाला सबसे अधिक किया जा रहा है। मुख्यालय पर कार्यरत सलाहकारों को वर्ष 2013-14 में तो 300 प्रतिशत से अधिक की वेतनवृद्धि दी गई है।
इसी तरह जिला टीकाकरण कार्यक्रम में कम्प्यूटर आॅपरेटर को डाटा मैनजर बनाकर कर पिछले दो वर्षों में वेतन 8000.00 रुपये से 15000.00 करने की कार्यवाही की जा रही है। जबकि अन्य कार्यक्रमों में मात्र 500.00 रुपये से 2000.00 की वेतन वृद्धि ही दी गई है एक समान नहीं।
निवेदन है कि आरसीएच/एनआरएचएम के कर्मचारियों तथा अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों के कर्मचारियों में पूर्ण भेदभाव किया गया है भविष्य में अपनी मांग आदि रखने हेतु निषेध किया गया है तथा पूर्ण हिटलरशाही से शासन की छवि खराव की जा रही है।
अतः माननीय मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन है कि प्रकरण को स्वयं संज्ञान में लेकर अपने युवा कर्मचारियों हेतु भी कुछ कल्याणकारी योजना बनाकर समान कार्य समान वेतन लागू करवाने की कृपा करें तथा मुख्यालय भोपाल स्तर पर कार्यरत अधिकारियों हिटलरशाही से निजात दिलाने की कृपा करें जिससे आपके युवा कर्मचारी भी पूरे अत्मसम्मान तथा मनोयोग से कार्य कर सकें।
आपके संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग
मध्यप्रदेश भोपाल