अपनी मंशा साफ़ करो, चाहते क्या हो ?

shailendra gupta
राकेश दुबे@प्रतिदिन। देश में एक चिठ्ठी चर्चा में है, गृह मंत्रालय की चिठ्ठी गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के दस्तखत से जारी चिठ्ठी| चिठ्ठी का मजमून अपराध और अपराधियों से सम्बन्धित है| इस चिठ्ठी को लेकर की राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से सवाल जवाब किये हैं|

ऐसा भी नहीं है, कि देश के प्रधान मंत्री इस पूरे मामले से अनभिग्य हैं, पर चुप हैं| मनमोहन जी आपकी ये चुप्पियाँ देश को गंभीर आर्थिक क्षति तो पहुंचा ही चुकी हैं, अब सरकार के इरादे क्या हैं ?

इस चिठ्ठी में देश के गृह मंत्री ने राज्यों को वर्ग विशेष के युवकों को गिरफ्तार न करने की बात लिखी है| सामान्य धारणा है कि अपराध अपराध होता है। वो ये नहीं देखता कि अपराधी किस धर्म का है। अपराधी के धर्म के आधार पर ये तय नहीं होना चाहिए कि वो दोषी है या बेगुनाह।

यह भी सोच इस सोच जितना ही बुरा है जितना कि वर्ग विशेष में अपराधियों के संख्या ज्यादा है| दोनों ही सोच भारत जैसे देश के लिए खतरनाक है | देश आतंकवाद के भीतरी और बाहरी संघर्ष से गुजर रहा है | अपराधी माफिया का गठजोड़ अफसर उजागर कर रहे हैं | एक बिल भी  संसद में बात जोह रहा है, जिसके परिणाम देश के लिए सुखद नहीं दिखी दे रहे हैं|

प्रधानमंत्री जी, आपको यह स्पष्ट करना चाहिए की ऐसा क्यों हो रहा है ? वे शक्तियाँ कौन सी है जिनके दवाब में आप चुप है ? देश जिस पीड़ा से गुजर रहा है,उसमे ऐसे एजेंडे आपकी बचीखुची प्रतिष्ठा को भी समाप्त कर देंगे| एक बार विचार कीजिये, और लोकसभा चुनाव के पहले ऐसे एजेंडे पर रोक  लगाइए| वरन इतिहास आपकी गिनती एक अच्छे प्रधानमंत्री के रूप में नहीं करेगा| आप देश के प्रधानमंत्री है, आपकी मंशा क्या है/ यह स्पष्ट होना चाहिए|

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