ग्वालियर। बिजली कंपनी में करंट चार्ज के नाम पर वर्षों से जमे सिटी महाप्रबंधक जो अपात्र भी हैं को मुख्यमंत्री की जीरो टारलेंस योजना के तहत नहीं हटाया जा सका। वहीं साढ़े तीन माह पूर्व लोकायुक्त ग्वालियर द्वारा अपने ही घर में रिश्वत लेते पकड़े गये, बिजली कंपनी के उप महाप्रबंधक आरएच वर्मा को फील्ड में एसटीसी विभाग का चार्ज डीई के पद का दे दिया गया।
उक्त बिजली कंपनी के कदम को भोपाल आॅफिस का आदेश बताया जा चुका है, उक्त अधिकारी ने रिश्वत लेने के मामले में सिटी सर्किल महाप्रबंधक का भी नाम लिया था। लोकायुक्त के नोटिस जाने के बाद भी सांठगांठ कर उक्त अधिकारी को संभवतः छोड़ दिया गया है। जबकि सह आरोपी बनाया गया था अब दोनों अधिकारी मुख्य पदों पर रहकर मामले से जुड़े साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश में लग गये हैं, इसी विभाग में ठेकेदारों से बिजली कंपनी कार्य कराती है, उसी में डीई महलगांव ओ एण्ड एम पद पर नियुक्ति से बिजली कंपनी के कर्मचारियों में सुगबुगाहट शुरू हो गई है और कर्मचारियों का भय खत्म होता जा रहा है। बीरेन्द्र गुप्ता महाप्रबंधक बिजली कंपनी से पूंछने पर उन्होंने आरएच वर्मा के चार्ज लेने की पुष्टि की। वहीं एसपी लोकायुक्त संतोष सिंह गौर से पूछने पर उन्होंने शासन से अभियोजन स्वीकृति मिलने पर आरोपी के खिलाफ फरवरी या मार्च में चालान पेश करने की बात कही है। फिलहाल बिजली कंपनी में चर्चाओं का बाजार गर्म हैं।
अल्ट्रासाउण्ड सेंटर सील्ड, पंजीयन निरस्त
डबरा। कलेक्टर पी नरहरि द्वारा नगर की कमलेश्वर काॅलौनी गीता टाॅकीज चैराहे के पास स्थित श्रीवास्तव अल्ट्रासाउण्ड सेंटर पर पिछले दिनों हुई जांच के दौरान पीसीपीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन पाये जाने पर उक्त सेंटर के पंजीयन को निरस्त कर दिया।
इसके बाद भी संचालन होने पर कलेक्टर के निर्देशानुसार तहसीदार उमेश कौरव ने मौके पर पहुंचकर सेंटर को सील्ड कर दिया। पिछले दिनों जांच के दौरान चिकित्सक डाॅ0 कपिल श्रीवास्तव अल्ट्रासाउण्ड सेंटर पर सोनोग्राफी करते पाये गये थे। जबकि डाॅ0 कपिल श्रीवास्तव इंदौर के इंडेक्स मेडीकल काॅलेज में अध्ययनरत हैं, सेंटर का पंजीयन उनकी पत्नी डाॅ0 कीर्ति श्रीवास्तव के नाम था। कलेक्टर ने सूचना के आधार पर एसडीएम डबरा को जांच के निर्देश दिये थे, जिस पर अनियमितता पाये जाने पर और फाॅर्म एफ में मरीजों की जानकारी पूरी तरह नहीं भी जाने पर व संबंधित सोनोलोजिस्ट के हस्ताक्षर न होने तथा लिंग परीक्षण करना व कराना कानूनी अपराध है का डिस्प्ले न लगा होने के कारण एक्ट के तहत पंजीयन निरस्त किया गया था। पुनः चालू पाये जाने पर सील्ड किया गया।
ग्रीन ट्रिब्युनल ने दिया आदेश विस्थापितों को मिले पूरी जनसुविधायें
ग्वालियर। मुरार नदी के पुनरूद्धार को लेकर दायर याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने आदेश दिया है कि विस्थापितों के लिए जो काॅलौनी बनाई जाये, उसमें सड़क, प्रकाश, जल निकासी व जलआपूर्ति के साथ स्वच्छ हवा के पूरे इंतजाम हों टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग विभाग काॅलौनी के सुनियोजन पर खास ध्यान दें। न्यायमूर्ति दीपसिंह की पीठ ने कलेक्टर को निर्देश दिया कि आगामी तारीख पर उपस्थित होकर नदी के पुनरूद्धार को लेकर ठोस योजना पेश करें। ट्रिब्युनल ने निर्देश दिया कि निषिद्ध क्षेत्र से हटाये गये लोगों का पुनर्वास व पुनर्विस्थापन अवश्य किया जाये। एक जगह 25 हेक्टेयर जमींन न मिलने पर दो अलग-अलग स्थानों पर काॅलौनियां बनाई जा सकती हैं। जिला प्रशासन विस्थापन कार्यों पर तत्परता बरते ताकि प्रभावितों द्वारा फिर से मुकदमेबाजी न शुरू की जाये।
मास्टर प्लान: शासन का तुगलकी फरमान, सुनवाई भोपाल में
ग्वालियर। शहर के मास्टर प्लान को लेकर राज्य शासन के तुगल की फरमान से शहरवासी चिंतित हैं, शासन ने मास्टर प्लान में बाधक बन रहे आबासों और दुकानों के मालिकों को मय कागजात के अपना पक्ष रखने के लिये 24 जनवरी को भोपाल तलब किया है। इस फरमान में सबसे ज्यादा चिंता बुजुर्ग, वृद्धों, महिलाओं को है, जिन्हें कड़कड़ाती सर्दी में मकान, दुकान के कागज लेकर भोपाल जाना हैं। तमाम अटकलों के बाद अगस्त 2011 में नये मास्टर प्लान 2021 का प्रकाशन किया गया। ग्वालियर शहर में मास्टर प्लान लागू हो, इससे पहले काफी संख्या में लोगों ने अपनी-अपनी आपत्तियां टी एण्ड सीपी विभाग को सौंपी थीं। पूर्व में सेवा नगर से किला गेट की सड़क की चैड़ाई 40फीट तय थी, इसमें एकाएक 60फीट की वृद्धि शासन ने कर दी। इससे काफी संख्या में लोगों के आबास व दुकानों आ रहे हैं। यह बात अलग है कि आबास में निर्मित एरिया यदि वैध है तो उसका राज्य शासन द्वारा निर्धारित दर के हिसाब से मुआवजा दिया जायेगा। इस संबंध में आबास एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से पत्रकारों द्वारा पूछने पर उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुये दिखवाने की बात कही है।
सहायक आयुक्त निलंबित
ग्वालियर। कलेक्टर पी नरहरि की अनुशंसा पर पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त आरके बुन्देला को संभाग आयुक्त केके खरे ने निलंबित कर दिया। पिछली बैठक में कलेक्टर पी नरहरि द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्य मंत्री की 100 दिवसीय योजना के बारे में पूंछने पर सहायक आयुक्त बुन्देला कलेक्टर पी नरहरि को सही जानकारी न दे पाये और ना ही सरकार की विभिन्न योजनाओं की सूची उनके पास थी। बिना तैयारी के बैठक में उपस्थित होने पर कलेक्टर ने कार्यवाही के लिए अनुशंसा की थी।
समन्वय बैठक: लापरवाही पर निलंबित होंगे अधिकारी: कलेक्टर
ग्वालियर। 100 दिवसीय कार्य योजना के प्रभावी अमल पर राज्य शासन का विशेष जोर है, इसलिये विभागीय अधिकारी अपने-अपने विभाग की 100 दिवसीय कार्य योजना पर गंभीरता से अमल करें। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दास्त नही होगी। यह निर्देश कलेक्टर पी नरहरि ने कलेक्ट्रेट में अंतर्विभागीय समन्वय बैठक में सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को दिये। साथ ही शासकीय कार्यालयों की कार्य संस्कृति को बेहतर बनाने पर विशेष बल दिया। किसानों के गेहूँ खरीद पंजीयन, जिले में लगने वाले मेलों और बड़े सार्वजनिक आयोजनों, खाद्य सुरक्षा अधिनियम के बेहतर क्रियान्वन तथा अन्य शासकीय कार्यों के बेहतर तरीके से करने के निर्देश दिये। स्वाधीनता दिवस पर एक साथ रोपे गये एक लाख से अधिक पौधों का मूल्यांकन भी सभी विभागीय अधिकारियों को करने के निर्देश दिये।
पत्रकार जयकिशन शर्मा बने मप्र सूचना आयुक्त
ग्वालियर। पत्रकार जयकिशन शर्मा को प्रदेश सरकार ने म.प्र. सूचना आयुक्त पर नियुक्त किया है। अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुये, उन्होंने कहा कि जो भी जिम्मेदारी मुझे सौंपी है, उसका पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निर्वहन किया जायेगा। साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पूरा सम्मान होगा। श्री शर्मा ने कहा कि मेरी कोशिश रहेगी कि जनता और सरकार के बीच एक सेतु बनकर काम करूं। जनता की आबाज सरकार तक एवं सरकार की योजनाऐं उसी रूप में जनता तक पहुंचें। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता क्षेत्र से मैं स्वयं जुड़ा रहा हूँ, इसलिए यदि सूचना संबंधित पत्रकारों की समस्याऐं आती हैं, तो उनका निराकरण पूरी सिद्दत से करने का प्रयास करूंगा।
नाबालिग का किया अपहरण
ग्वालियर। घर के बाहर मोबाइल पर बात कर रही विंडसर हिल्स सिटी सेंटर के फ्लैट नं. 44 में रहने वाली संजय की 13 वर्षीय लड़की को 32 आरबीआई रेलवे काॅलौनी के पास से रिंकल सिंह सिंघोडि़या निवासी गोविन्दपुरी जबरदस्ती अपहरण करके ले गया। घर वालों को पता लगने पर रिंकल के घर गये परंतु कोई सुराग नही लगा। पड़ाव थाने में धारा 365-66 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
अतिक्रमण हटाने का विवाद चलाई पार्षद ने गोली
ग्वालियर। सरकारी जमींन से अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे लोगों पर शिवपुरी के स्थानीय पार्षद ने शराब के नशे में कत्था मिल के पीछे फायर कर दिये, दो गोलियां एक प्रदर्शनकारी के पैर में लगीं। कत्था मिल के पीछे तीन सौ बिस्तर वाले जिला अस्पताल, कृषि उपजमंडी व ट्रांसपोर्ट नगर के लिये प्रस्तावित 450 बीघा जमींन पर अतिक्रमण कर कुछ लोगों ने 8-10 पक्के मकान भी बना लिये थे। बाकी जमींन को खंडे बोल्डरों से घेर रखा था। तहसीलदार आरके पांडे और नायव तहसीलदार मनीष जैन ने राजस्व अमले के साथ अतिक्रमण हटा दिया। इस बीच पब्लिक से घिर जाने पर कथित आत्मरक्षा में अधिकारियों के मौके से चले जाने के बाद लायसेंसी रिवाल्वर से पार्षद सुरेश भोज ने फायर किया, जिससे एक व्यक्ति घायल हुआ। पुलिस ने आरोपी पार्षद को गिरफ्तार कर लिया है।
मप्र में सिलेंडर पड़ौसी राज्यों से 80 रू. महंगा ?
ग्वालियर। प्रदेश में आधार से लिंक कराने वाले एलपीजी उपभोक्ताओं को सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर के लिये पड़ौसी राज्यों की तुलना में औसतन करीब 80 रू. ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं, इसकी बजह उपभोक्ताओं को मिलने वाली गैस सब्सिडी पर 7.10 फीसदी का टैक्स लगना। केरल सरकार द्वारा सब्सिडी पर लगने वाले 5 फीसदी वेट टैक्स को हटा लिया है, उसके बाद म.प्र. सरकार से भी इसी तरह का कदम उठाये जाने की उम्मीद बंधी है। पिछले दिनों आॅयल कंपनियों ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर गैस सब्सिडी पर लग रहे टैक्स को हटाने का अनुरोध किया था। पड़ौसी राज्य गुजरात, अहमदाबाद में बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 1240 में आता है, यहां गैस को आधार से लिंक कराने वाले उपभोक्ता के खाते में 817 रू. की सब्सिडी जा रही है, यानि उसे सिलेंडर 423 में मिल रहा है आधार कार्ड लिंक न कराने वाले को भी सिलेंडर इसी दाम पर मिलता है। यानि कोई अंतर नहीं। पड़ौसी राज्य राजस्थान उत्तर प्रदेश छत्तीसगढ़ में एलपीजी सिलेंडर पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगता है। राजस्थान में तो सरकार हर सिलेंडर पर 25 सब्सिडी देती है, इन राज्यों की तुलना में म.प्र. में सिलेंडर महंगा मिल रहा है।
स्टेट हाईवे: जेसीबी की मदद से हटाया अतिक्रमण
ग्वालियर। श्योपुर कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव के बाद बड़ी कार्यवाही में कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने स्थाई व अस्थाई दुकानें जो लम्बे समय से बनी हुई थीं। उन्हें जेसीबी मशीन से हटा दिया गया। जेल के सामने व न्यायालय तथा हाइवे पर बनी गुमटिओं ढाबों को भी हटा दिया गया। जेल के सामने एक ढाबे मंे घर गृहस्थी का सामान भरा होने के कारण उसे दो तीन दिन का समय दे दिया गया।
बिहार में ग्वालियर के युवक ने की आत्महत्या
ग्वालियर। शहर की फोर्ट व्यू काॅलौनी में रहने वाले राहुल तोमर 25 जो भागलपुर बिहार में प्रायवेट बैंक विनायक होम्स एण्ड रियल स्टेट लिमिटेड में मैनेजर के पद पर थे। अचानक अपने भागलपुर मुन्दीचक मोहल्ले में विजय शाह के मकान में जिसमें किराये से रहते थे। फांसी पर लटके पाये गये, पुलिस ने उनके कमरे से डायरियां बरामद की हैं, जिसमें कुछ लड़कियों के नाम एवं मैसेज लिखे हैं, पुलिस का मानना हैं युवक ने पे्रम प्रसंग में हताश होकर आत्महत्या की है।
रेलवे सीएओ ने खंगाले दस्तावेज
ग्वालियर। रेलवे के चीफ अकांउट आॅफीसर सीएओ विशेष सैलून से इलाहाबाद से ग्वालियर आकर डिप्टी सीई आॅफिस स्थित लेखा विभाग के दस्तावेज की जांच की व ग्वालियर श्योपुर टैªक को ब्राॅडगेज में बदलने के लिये बनाये गये कैंप आॅफिस में जाकर टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत की जांच भी की।
जमींन के लिए न्यू सिटी सेंटर में फायरिंग
ग्वालियर। ओहदपुर न्यू सिटी सेंटर में 25 बीघा जमींन के मालिकाना हक के लिए महलगांव निवासी यतेन्द्र, वीरू शर्मा और महिला थाने में पदस्थ आरक्षक अरूण शर्मा मालिकाना हक जताते हैं, अरूण जमींन पर कुछ काम करा रहा था तभी वहां यतेन्द्र, वीरेन्द्र बंदूक, कट्टों के साथ आ गये। दूसरे पक्ष के मुन्ना और राघवेन्द्र भी पहुंच गये। दबाब बनाने के लिए दोनों पक्षों ने हवा में ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। लोगों ने पुलिस को सूचना दी दोनों पक्षों को पुलिस थाने ले आई 7-8 खोखे कारतूस के भी पुलिस को मिले, परंतु किसी के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर सकी। दोनों पक्ष हत्या के प्रयास का मुकदमा चाहते थे, जबकि पुलिस हवाई फायर का मामला दर्ज कर रही थी। वीरेन्द्र जैन एएसपी ग्वालियर ने बताया कि पहले भी दोनों झूठी शिकायतें कर चुके हैं, मामला प्रशासन की नजर में हैं, जांच कर कार्यवाही की जायेगी।
चेतकपुरी पार्क अतिक्रमण की चार सप्ताह में जांच कराएं कलेक्टर: हाईकोर्ट
ग्वालियर। एक जनहित याचिका पर ग्वालियर हाईकोर्ट की युगल खण्डपीठ ने नगर निगम आयुक्त को चेतकपुरी पार्क के अतिक्रमण की जांच कर चार सप्ताह में हटाने के निर्देश दिये हैं। राजेन्द्र सिंह द्वारा वर्ष 2010 में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुये, मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खांनबिलकर व प्रशासनिक जज एसके गंगेले ने याचिका सुनवाई करते हुये, उक्त आदेश देते हुये पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने के निर्देश दिये हैं। राजेन्द्रसिंह ने कहा कि पार्क पर अतिक्रमण कर मंदिर व मकान बन गये हैं।
साढ़े तीन करोड़ का गबन पाँच बर्खास्त
ग्वालियर। भिंड जिला कलेक्टर के निर्देश पर प्रशासन द्वारा समीक्षा बैठक में पीडीएस में गवन करने वाले सहकारी समिति प्रबंधक एवं सहायक प्रबंधकों पर एफआईआर कराने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारियों को दिये हैं। वर्ष 2009 में गवन के आरोप सिद्ध होने के बाद पाँच कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया गया। जिला सहकारी बैंक की अकोड़ा शाखा में पदस्थ रहे सहायक लेखा पाल अभिलाख शर्मा एवं बाबू राजनारायण अवस्थी तथा कृषि मंडी के पास संचालित बैंक के सहायक लेखा पाल रामसेवक भदौरिया बाबू पुष्पा ओझा एवं नरेन्द्र सिंह भदौरिया पर एक करोड़ चैबीस लाख नौ हजार रूपये की राशि गवन करने का आरोप था। जांच उपरांत सभी को सेवा से पृथक कर दिया गया। कलेक्टर भिंड ने पूरी सूची मंगाकर कार्यवाही के कड़े निर्देश दिये हैं। इस प्रकरण में 90 समितियों के 38 विक्रेता तथा 52 समिति प्रबंधन के नाम हैं, जिनमें से कुछ का तो स्वर्गवास हो गया है। सूची सुधार कर सम्बधितों पर एफआईआर की जायेगी।