कुछ ऐसा होगा भोपाल-जबलपुर फोनलेन हाईवे

भोपाल। ढाई हजार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले भोपाल-जबलपुर फोरलेन निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मप्र सरकार को सशर्त अनुमति दे दी है कि वह रातापानी और नौरादेही अभयारण्य से गुजरने वाले फोरलेन के हिस्से में भी काम शुरू कर सकता है।

इस अनुमति के बाद मप्र सड़क विकास निगम 24 फरवरी को हैदराबाद की फर्म मेसर्स ट्रॉसट्राय इंडिया लिमिटेड से एग्रीमेंट करने जा रहा है। यही फर्म तीन साल में फोरलेन का निर्माण पूरा करेगी। एग्रीमेंट करने के बाद फर्म को छह माह का वक्त वित्तीय प्रबंधन के लिए दिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट से पिछले सप्ताह मिली अनुमति में यह शर्त जोड़ी गई है कि सड़क मार्ग के दोनों ओर फेंसिंग होगी। वन्यजीवों के रोड क्रॉस करने के लिए हर आधा किमी पर अंडर ब्रिज बनेगा और 15 दिन के भीतर फॉरेस्ट कंसलटेंट के जरिए निर्माण का प्रारूप सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाए। निगम ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट से कहा है कि वह प्रारूप बनाने में सहयोग करे। सुप्रीम कोर्ट की शर्त पूरी करने में 50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय होगा।

30 साल के लिए बीओटी पर होगा

यह फोरलेन 30 साल के लिए बीओटी (बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) पर होगा। मिसरोद से ओबेदुल्लागंज तक के 14 किमी हिस्से को सिक्स लेन बनाया जाएगा। साथ ही दो लेन की सर्विस रोड भी होगी। ओबेदुल्लागंज से जबलपुर तक फोरलेन होगा।

एक नजर में

> 294.20 किमी कुल लंबाई
> 2490 करोड़ रुपए लागत
> 11 नए व बड़े पुल बनेंगे
> ०1 रेलवे ओवर ब्रिज जबलपुर के पास बनेगा
> ०2 फ्लाई ओवर (मिसरोद व ओबेदुल्लागंज में बनेंगे)
> ०5 व्हीकल अंडर पास मंडीदीप में बनेंगे

फॉरेस्ट की 60 हेक्टेयर जमीन जाएगी

रातापानी अभयारण्य में फोरलेन का 16 किमी का हिस्सा आएगा। इसी प्रकार नौरादेही अभयारण्य में 12 किमी का क्षेत्र आएगा। इसके अलावा सामान्य फॉरेस्ट क्षेत्र मिलाकर कुल 36 किमी फोरलेन वन क्षेत्रों से गुजरेगा। इसमें 60 हेक्टेयर जमीन जाएगी। इसकी एवज में राज्य सरकार 100 हेक्टेयर राजस्व भूमि वन विभाग को देने के लिए तैयार हो गई है।

रातापानी अभयारण्य में फोरलेन का 16 किमी का हिस्सा आएगा। इसी प्रकार नौरादेही अभयारण्य में 12 किमी का क्षेत्र आएगा। इसके अलावा सामान्य फॉरेस्ट क्षेत्र मिलाकर कुल 36 किमी फोरलेन वन क्षेत्रों से गुजरेगा। इसमें 60 हेक्टेयर जमीन जाएगी। इसकी एवज में राज्य सरकार 100 हेक्टेयर राजस्व भूमि वन विभाग को देने के लिए तैयार हो गई है।


#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!