भोपाल। संघ प्रमुख डा. मोहन भागवत ने मध्य क्षेत्र की समन्वय समिति की बैठक के तीसरे दिन शनिवार को प्रचारकों के जिज्ञासाओं का जबाव देते हुए कहा कि उम्रदराज नेताओं को चुनाव लड़ने का निर्णय स्वयं लेना चाहिए और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बनना चाहिए।
एक प्रचारक ने संघ प्रमुख से पूछा कि क्या बुर्जुग नेताओं को चुनाव लड़ना चाहिए। भागवत ने कहा कि यह बुजुर्ग नेताओं को तय करना चाहिए कि वे किनारे होते या नहीं। इसका निर्णय उनपर ही छोड़ देना चाहिए। एक प्रचारक के सवाल का जबाव देते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि आम आदमी पार्टी सुचिता और ईमानदारी की बात करती है। उसका आंदोलन क्षणिक है। लेकिन दीर्घकालीन परिवर्तन एक संगठित विचारधारा से ही संभव है।
इस दौरान कई प्रचारकों ने उनसे सवाल पूछे। इससे पूर्व संघ प्रमुख ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी शाखाएं बढ़ाने और बुद्धिजीवी वर्ग से संपर्क बढ़ाने के सलाह दी। उन्होंने कहा कि संघ को अपनी विचारधारा के दायरे में रहते हुए संगठन का विस्तार किया जाना चाहिए। इसके लिए संगोष्ठी करें और टोलियां बनाकर संघ और भाजपा के पक्ष में माहौल बनाएं। इस दौरान इन प्रांतों की पिछली गतिविधियों की समीक्षा की गई। साथ ही निचले स्तर की आगामी कार्ययोजना बनाई गई। सुबह शुरू हुई बैठकों में चारों प्रांत के प्रचारक, कार्यवाह शामिल हुए। सामूहिक बैठक के बाद अलग-अलग बैठकों का दौर चला।