नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मध्य वर्ग की संप्रग सरकार से नाराजगी से चिंतित हैं। उन्होंने कांग्रेस के युवा नेताओं से मध्य वर्ग व युवाओं से ज्यादा से ज्यादा संवाद स्थापित करने और धर्मनिरपेक्षता पर आक्रमक होने की नसीहत दी। इस दौरान युवा नेताओं ने वरिष्ठ कांग्रेसियों के चुनाव से पहले ही हारी हुई मुद्राओं पर शिकायत की। इस पर राहुल ने कहा कि शुक्रवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा होगी।
लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को कसने में जुटे कांग्रेस उपाध्यक्ष ने युवा नेताओं से पार्टी मुख्यालय में हुई मुलाकात के दौरान 2014 के घोषणापत्र पर खुलकर बात की और चुनावी तैयारियों का पाठ पढ़ाया। बैठक में मौजूद करीब तीस युवा प्रतिनिधियों से राहुल ने सुझाव भी मांगे। खासतौर से देश के गावों, किसानों और शहरी माध्यम वर्ग तक पार्टी की कमजोर पड़ती पकड़ को दूर करने पर राय मांगी।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संचालन में हुई बैठक में जितिन प्रसाद, अशोक तंवर भी मौजूद थे। देश में मध्य वर्ग पर पार्टी की कमजोर होती पकड़ पर चिंता जताते हुए राहुल ने इस वर्ग तक पहुचने के लिए अधिक प्रयास की जरूरत बताई। उन्होंने कहा, 'ऐसा कहा जाता है कि यह वर्ग हमसे नाराज है, लेकिन यह सही नहीं है। बस हमें उन्हें ठीक से समझाने की जरूरत है। लोकसभा चुनाव के लिए हमें इसी वर्ग पर सबसे ज्यादा ध्यान देना होगा।'
मोदी का मुकाबला करने के लिए धर्मनिरपेक्षता पर अधिक आक्रामक होने की नसीहत देते हुए राहुल ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजों से निराश होने की आवश्यकता नहीं है। राहुल ने युवाओं को जोड़ने के लिए शिक्षा और नौकरियों के अवसरों में बढ़ते अंतर को कम करने को सरकार की ओर से ज्यादा प्रयास की जरूरत बताई। मध्य प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अरुण यादव ने किसानों की उपेक्षा का सवाल उठाया। कुछ ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगाया कि उनकी वजह से ऐसा संदेश जा रहा है, जैसे पार्टी हार रही है जबकि ऐसा है नहीं। राहुल ने कहा कि वह सारी बातें शुक्रवार को पार्टी की कार्यसमिति में रखेंगे।