अखिलेश कुमार। एक अप्रैल से आपकी बचत पर एक और मार पडऩे वाली है। बैंकों ने सर्विस चार्ज में भारी बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। बैंक फिलहाल 12 सेवाओं पर प्रति तिमाही 200 से 300 रुपए चार्ज करते हैं।
बैंकिंग सेक्टर से जुड़े एक्सपट्र्स का कहना है कि सभी बैंकों के सर्विस चार्ज में 10 से 50 प्रतिशत तक की बढ़ातरी की जा सकती है। बहरहाल, इस बारे में आखिरी फैसला
बैंकों के शीर्ष प्रबंधन को करना है। भारतीय स्टेट बैंक, बीओआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और आईसीआईसीआई बैंक प्रबंधकों का कहना है कि अभी हर तिमाही में खाते से 200 से
300 रुपए तक सुविधा शुल्क काटा जा रहा है।
क्यों बढ़ा सर्विस चार्ज
(नोट : ये आंकड़े स्टेट बैंक से लिए गए हैं)
ड्राफ्ट बनाने का शुल्क
5 हजार रुपए तक 25 रुपए
10 हजार रुपए तक 35 रुपए
25 हजार रुपए तक 75 रुपए
50 हजार रुपए तक 150 रुपए
1 लाख रुपए तक300 रुपए
बैंकों में जब लोन और ब्याज की रिकवरी ठीक ढंग से नहीं होती, तब प्रबंधन गैर ब्याज आय बढ़ाने की कोशिश करती है। यानी सेवा शुल्क और कमीशन से संबंधित लेनदेन में बढ़ोतरी होती है। ये बैंकिंग सेक्टर की बिजनेस प्लानिंग से जुड़ी रणनीति का हिस्सा है।
: ग्राहक औसतन तीन माह में कम-से-कम एक बार डिमांड ड्राफ्ट बनाता है, जिसका कमीशन रुपए 25 से 75 रुपए होता है।
: दूसरे बैंक या शहर के बाहर रुपए निकासी पर 100 रुपए से अधिक चार्ज।
: सिग्नेचर वेरिफाई में 100 रु. चार्ज।
: लॉकर का साल में 12 बार से अधिक प्रयोग पर 51 रुपए अतिरिक्त काटे जा रहे हैं।
: ग्राहकों से अभी एटीएम के लिए सालाना रुपए 112 लिए जाते हैं।
: एसएमएस अलर्ट का प्रति माह 5 रुपए कटते हैं।
: बैंक प्रति चेक 3 रुपए लेता है।
: खाते से कोई किश्त कट रही है, तो कुछ निजी बैंक ईसीएस या किस्त भुगतान के मद में भी रुपए 25 तक ग्राहक के खाते से काटते हैं।
इन सेवाओं के लिए भी देना पड़ता है शुल्क
अलग-अलग बैंकों का सर्विस चार्ज अलग-अलग होता है। हालांकि बैंक सर्विस चार्ज ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रख कर ही लगाते हैं। ऐसे में ग्राहकों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। (Bank)
बैंकों ने 1 अप्रैल से 12 सेवाओं पर सर्विस चार्ज 10 से 50 फीसदी तक बढ़ाने के दिए संकेत, एसएमएस अलर्ट और ईसीएस से किश्त भुगतान हो सकता है महंगा
: खाते में न्यूनतम राशि जमा नहीं रखने पर बैंक फाइन वसूल रहे हैं, जबकि रिजर्व बैंक जीरो बैलेंस पर जुर्माना नहीं वसूलने का निर्देश दे चुका है।
: बैंक स्टेटमेंट के लिए निजी बैंक 100 रुपए तक चार्ज कर रहे हैं।
: कार्ड से भुगतान पर दुकानदार पर चार्ज का प्रावधान है, जबकि दुकानदार ये चार्ज ग्राहक पर लगाते हैं।
: फॉरेन एक्सचेंज रिलेटेड सेवा शुल्क के तहत खुद के ग्राहकों से 600 रु. से लेकर 25 हजार रु. तक।
: सरकारी बैंकों में नन-होम ब्रांच से लेनदेन पर प्रति हजार 2 रुपए चार्ज। न्यूनतम राशि 10 रुपए है। निजी बैंक 50 रुपए तक लेते हैं।
: लोन प्रोसेसिंग फीस आधा प्रतिशत है, लेकिन वसूला जाता है लोन का एक से दो प्रतिशत तक।
: चेक बाउंस पर 100 से 350 रु. तक जुर्माना और एटीएम से रुपए जमा कराने पर 10 रु. या इससे अधिक चार्ज।
: ऑनलाइन लेनदेन पर 20 से 25 रु. अधिक फीस ले रहे हैं।
: डुप्लिकेट पिन के लिए 25 रुपए तक वसूले जाते हैं।
: चालू खाते में फोलियो चार्ज 550 रु. या इससे अधिक है।
: एटीएम की वार्षिक फीस 112 रुपए है। पांचवां ट्रांजेक्शन दूसरे बैंक की एटीएम से होने पर 18 से 20 रु. तक चार्ज।