इंदौर। एप्टा सॉफ्टवेयर कंपनी के संचालकों के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। गौरतलब है कि, एप्टा सॉफ्टवेयर कंपनी के संचालक नौकरी देने के नाम पर करोड़ों की ठगी कर भाग निकले।
सोमवार को सौ से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर भंवरकुआं थाने पर प्रदर्शन किया। इस दौरान इस बात का भी खुला हुआ कि कंपनी को इंदौर के तीन निजी कॉलेजों ने प्लेसमेंट के लिए कॉलेज बुलवाया था। छात्रों ने कॉलेजों पर भी कार्रवाई की मांग की है।
भंवरकुआं पुलिस ने एप्टा टेक्नॉलॉजी प्रा.लि. के डायरेक्टर सत्यप्रकाश (जयपुर), निखिलराज, मानवीसिंह, एचआर हेड रितु गौतम और नेहा श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया है। छात्रों ने गत 20 मार्च को कंपनी के खिलाफ शिकायत की थी। उनके साथ ही ठगी के शिकार छात्र आशीष रावत, वीरेंद्र तिवारी, शुभम चौधरी, मेघा खंडेलवाल, राहुल राठौर, अर्पिता माहेश्वरी, साक्षी कापसे, आदित्य सिंह सहित सौ से ज्यादा छात्र-छात्राएं सोमवार सुबह भंवरकुआं थाने पहुंचे।
इन छात्रों के अनुसार कंपनी का हेड ऑफिस जयपुर में है। इसके अलावा इंदौर के साथ लखनऊ, चेन्नई और पुणे में भी इस कम्पनी ने अपनी ब्रांचेज खोल राखी हैं। इंदौर के हेड ऑफिस पर 350 से ज्यादा छात्र-छात्राओं से तकरीबन 70 लाख रुपए ठगे गए थे। इसके अलावा पांच अन्य सेंटरों पर ठगी का शिकार हुए छात्र - छात्राओं की संख्या 2000 से ज्यादा बताई जा रही है।
छात्रों ने घटना कि जानकारी देते हुए पुलिस को बताया, इप्टा कंपनी, साफ्टवेयर डेवलमेंट का काम करती थी। कंपनी ने नौकरी देने के पूर्व सभी दस्तावेज और इंटरव्यू लिया और हमें ज्वाइनिंग लेटर भी दिया। उस वक्त सभी 350 कर्मचारियों से 20-20 हजार रुपए लिए गए थे। 3 महीने कि ट्रेनिग के बाद 5000 रूपये मासिक वेतन की बात हुयी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वेतन के लिए HR मैनेजर सुधांशु श्रीवास्तव से चर्चा की तो वे ताल मटोल करने लगे। और इसके बाद कंपनी बंद कर सारे कर्मचारी भाग निकले।