धान खरीदी घोटाला: जनता को उल्लू बना रहा है जिला प्रशासन

shailendra gupta
कटनी। समर्थन मूल्य पर जिले में खरीदी गयी धान कि खरीदी संपन्न होने के बाद 3 हजार मीट्रिक टन धान के लापता होने का रासलीला प्रशासनिक सुस्ती के कारण कफ़न-दफ़न के कगार पर है।
एक दैनिक समाचार द्वारा दस करोड़ रुपये की धान के लापता होने कि खबर प्रकाशित करने के बाद प्रशासन ने जाँच कमेटी गठित करने कि बात कि थी लेकिन हप्ते बीत जाने के बाद भी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर ईस हेरा-फेरी में किसने गुल खिलाया है, और कैसे?  लापता धान कंहा है।

इस सन्दर्भ में जिले के कलेक्टर श्री एके सिंह से जानकारी चाहने पर उन्होंने कहा कि जाँच दल ने अभी खरीदी करने वाली समितियो कि सूचि व् रिपोर्ट नहीं सौंपी है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही वे कुछ बता सकेगे।

गतांक इस वर्ष जिले में स्थापित किये गए 55 खरीदी केन्द्रो में एक लाख 62 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी गयी थी और उसका पूरा भुगतान भी कर दिया गया है लेकिन नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा सिर्फ एक लाख 60  हजार मीट्रिक टन धान का ही भण्डारण किया गया। निगम के प्रबंधक श्री कटारे के अनुसार लगभग 3 हजार मीट्रिक टन धान कंहा गयी इसका अब तक पता नहीं चल पाया है।

खरीदी केन्द्रो पर अभी तक एफआईआर क्यों नहीं हुयी

इतना बड़ा घोटाला शासन के साथ हुआ लेकिन घोटाले के विरुद्ध अब तक कोई कार्यवाही नहीं होना संदेह के घेरे में आता है निगम सूत्रो ने कहा कि गेहू के समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू होने वाली है ऐसी स्थिति में गायब धान के बारे में प्रशासन कि चुप्पी आश्चर्यजनक है।

कार्यवाही नहीं होना, संदेह का पुख्ता होना

जिला प्रशासन द्वारा दो हफ्ते गुजर जाने के बाद भी लापता दस करोड़ कि धान के बारे में जाँच करने में बरती जा रही उदासीनता का क्या कारण हो सकता है?  कटनी कि जनता में एक विषय बनता जारहा है, जाँच तो दूर अभी तक जाँच दल में कौन-कौन सदस्य हैं और उन्हें जाँच पूर्ण करने के लिए कितने दिन कि अवधि दी गयी है कोई मालूमात नहीं है शासकीय धन कि इस बंदरबाट में प्रशासनिक सुस्ती सदेहो को जन्म दे रही है। प्रशासन को जाँच करके यह पता लगाना चाहिए कि करोडो कि इस हेराफेरी किनके माध्यम से हुयी और भुगतान किसे किया गया।

विधायक कटनी
इस बारे में जब मुड़वारा -कटनी विधायक श्री संदीप जायसवाल से बात कि तो उन्होंने बोला मुझे आपके द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में हुए घोटाले कि जानकारी मिली है। मैं इस बारे में तत्काल कलेक्टर को पत्र लिखकर इसकी जाँच करने को कहूंगा।

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