सुमित्रा महाजन जी इंदौर से अपना भाग्य आजमा रही हैं .आइये देखते हैं कृष्णामूर्ति पद्धति द्वारा इनका क्या भविष्य सामने आता है :
जीत के लिए नियम : यदि छठे भाव का उपनक्ष्त्र स्वामी ६,१०,११ में से किसी का कार्येष गृह है तो व्यक्ति जीत सकता है अन्यथा यदि वह गृह ४,५,१२ का कार्येष है तो वह हार जाता है. यदि वह दोनों प्रकार के भावों को सामान रूप से दर्शाता है तो महादशा अंतर और प्रत्यंतर स्वामी किन भाव के कार्येष हैं ये देखना चहिये
छठे भाव का उपनक्ष्त्र स्वामी शनि है जो श्रय के उपनक्ष्त्र में है जो द्वितीय भाव में है. सूर्य ९,२,१,८ भावों का कार्येष है .
दशम का उपनक्ष्त्र स्वामी राहू चंद्रमा के उपनक्ष्त्र में है जो द्वादश भाव मैं है. चंद्रमा ९,१२,८,७ भावों का कार्येष है .
ग्यारहवें भाव का उपनक्ष्त्र स्वामी गुरु शुक्र के उपनक्ष्त्र में है जो की लग्न भाव में है. शुक्र ८,१,३,१०,११ भावों का कार्येष है.
इस समय चन्द्रमा द्वादश भाव में है और मंगल के उपनक्ष्त्र में है जो अष्टम में स्थित है. मंगल ८,३,१०,११ भाव का कार्येष है
निष्कर्ष : इनकी जीत बहुत अधिक प्रभावी नहीं होगी और इनको स्वास्थ्य समबन्धित समस्या भी हो सकती है.
ज्योतिषाचार्य रमन पिछले 10 वर्षों से ज्योतिष द्वारा जन साधारण की समस्याओं को सुलझाने का काम कर रहे हैं। वे मूलत: कंप्यूटर इंजिनियर हैं। श्री रमन बहुत समय से भारत की सबसे प्रसिद्द ज्योतिष वेब साईट www.astrosage.com, www.astrocamp.com पर अपनी सेवा अपलब्ध करा रहे हैं। astrologer.raman51@gmail.com