रायसेन। देश की सबसे लंबी दीवार देखने मध्यप्रदेश के पुरातत्व कमिश्नर डॉ. अजातशत्रु श्रीवास्तव एवं वाकणकर शोध संस्थान के डॉयरेक्टर और पुरातत्ववेत्ताओं का दल 29 मार्च को शाम के समय देवरी पहुंचेगा। यह दल देवरी में रात्रि विश्राम करेगा।
इस दल द्वारा दूसरे दिन 30 मार्च को गोरखपुर-देवरी से दीवार का निरीक्षण शुरू किया जाएगा। इस दल द्वारा गोरखपुर के भीतरकोट परकोटे का भी अवलोकन किया जाएगा। दल में शामिल लोग करीब 20 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली पुरासंपदा, भग्नावशेष मूतियां, मंदिरों के वास्तुखंड एवं अन्य पुरातत्व धरोहर का सर्वे करेंगे। इसके बाद मोघा डेम के ऊपर संबंधित दीवार, प्राचीन विकसित, समृद्धशाली मानव बस्ती का सर्वे कर पिक-अप डेम तक जाऐंगे।
वहीं भारतीय इतिहास संकलन समिति रायसेन के सदस्यों द्वारा खोज की गई भारत की सबसे लंबी प्राचीन पाषाण निर्मित महान दीवार पर शोध कार्य संबंधी विषय पर मध्यप्रदेश के पुरातत्व आयुक्त डॉ. अजातशत्रु श्रीवास्तव के साथ उनके भोपाल स्थित मुख्यालय में बैठक आयोजित की गई, जिसमें ‘‘द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया’’ भारत की सबसे लंबी दीवार एवं रायसेन जिले में बिखरे अन्य पुरावशेषों के विषय में विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में मध्यप्रदेश के पुरातत्व आयुक्त डॉ. श्रीवास्तव ने इस नई खोज के विषय में प्रसन्नता व्यक्त की एवं शोध के लिए भारतीय इतिहास संकलन योजना मध्यभारत को प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा तकनीकी अधिकारियों को प्रोजेक्ट बनाने के लिए पुरातत्वविद् डॉ. ओपी मिश्रा को दिए गए।
बैठक में भारतीय इतिहास संकलन योजना मध्यभारत के अध्यक्ष प्रो. सुधीर त्रिवेदी, पुरातत्वविद् डॉ. नारायण व्यास, भारत की महान दीवार पर प्रारंभिक सर्वेक्षण कर रहे राजीव चौबे, विनोद तिवारी, संगठन मंत्री सत्यनारायण शर्मा सहित वाकणकर शोध संस्थान के निदेशक डॉ. पीबीएस सेंगर मुख्य रूप से उपस्थित रहे।