शिवराज के बाद मोदी ने भी कॉलेज का मुद्दा उठाया, सिंधिया को तांत्रिक बताया

shailendra gupta
भोपाल। मध्यप्रदेश के बालाघाट में चुनावी सभा को संबोधित करने आए भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी ने गुना लोकसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को तांत्रिक करार दिया है।

शिवराज सिंह के बयान के बाद तमाम सबूतों को मीडिया के सामने पेश करके शिवराज को मिली खुली चुनौती के बाद शिवपुरी में मंजूर हुए मेडीकल कॉलेज मामले को मोदी ने एक बार फिर बालाघाट से उठाया। उन्होंने कॉलेज को अस्पताल बताया और कहा कि दिल्‍ली सरकार में मध्‍य प्रदेश से गए कुछ ऐसे तांत्रिक बैठे है जो जिन्‍होंने चुनाव जीतने के लिए कागज पर अस्‍पताल बना दिया।

उन्होंने कहा कि मैंने पहली बार दिल्‍ली में ऐसी सरकार देखी है जो कागज पर अस्‍पताल बनाती है और कागज पर ही मरीजों को ठीक कर देती है. ये जनता की आंखों में धूल झोंकने वाले लोग हैं, लेकिन अब जनता जाग गई है तो इन्‍होंने संसद में मिर्ची झोंकने का काम शुरू कर दिया है।

सनद रहे कि यह वही मेडीकल कॉलेज है जिसकी मंजूरी केन्द्र सरकार की ओर से 19 फरवरी 2014 को दी गई थी। यह रहा अप्रूवल आर्डर


इस अप्रूवल में मध्यप्रदेश में कुल 7 नए मेडीकल कॉलेज मंजूर किए गए थे। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बड़े उत्साहित थे। उन्होंने अपनी एफबी वॉल पर एक बेनर भी पोस्ट किया था। देखिए यह रहा वो बेनर


लेकिन इसके बाद मामला गड़बड़ा गया। गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया केन्द्र स्वास्थ्य मंत्री को अपने साथ ले आए और शिवपुरी में एक बड़ी सभा करके इसकी औपचारिक घोषणा कर डाली। सारा का सारा क्रेडिट ही सिंधिया ले गए।

बस इसी क्रेडिट की लड़ाई भाजपा की ओर से शुरू कर दी गई। सबसे पहले भाजपा के स्थानीय नेताओं ने इस मामले को उठाया। फिर स्वयं शिवराज सिंह चौहान ने भरी सभा में इस कॉलेज को छलावा करार दिया।

बदले में सिंधिया ने तमाम दस्तावेज और राज्य सरकार की प्रक्रियाओं के दस्तावेज मीडिया में सार्वजनिक कर दिए। साथ ही शिवराज पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए खुली चुनौती दी कि वो अपने आरोप को सही साबित करें। यदि वो ऐसा कर देते हैं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा नहीं तो शिवराज इस्तीफा दे दें।

आज जब नरेन्द्र मोदी मध्यप्रदेश की धरती पर उतरे तब प्रदेश का लगभग हर अखबार में यह मामला प्रमुखता से प्रकाशित हुआ था। आखिर सीएम झूठ जो बोल गए थे। बावजूद इसके मोदी को गलत फीकबेक दिया गया और एक बार फिर मोदी ने वही मामला बालाघाट में उठा दिया। फर्क बस इतना रहा कि मोदी कॉलेज के बजाए अस्पताल बोल गए।

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