भोपाल। लोकसभा चुनावों में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर फिक्सिंग के आरोप लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि यहां टिकिट वितरण ही कुछ इस तरह से किया गया है, कि मिशन 29 कभी पूरा नहीं हो पाएगा।
दबी जुबान में लोग गिना रहे हैं कि कुछ सीटों पर हार सुनिश्चित करने के लिए ही टिकिट दिया गया है। जीतने योग्य प्रत्याशी को साइडलाइन कर दिया गया। सबसे बड़ा उदाहरण भोपाल लोकसभा सीट है। यहां कहा जा रहा है कि 'शिवराज भी चाहते हैं कि पीसी चुनाव जीत जाए'। भाजपा प्रत्याशी आलोक संजर, कांग्रेस प्रत्याशी पीसी शर्मा के सामने काफी कमजोर हैं। एक तरफ कांग्रेस का ठेठ जमीनी नेता और दूसरी ओर भाजपा का कार्यालय प्रभारी। आरोप है कि शिवराज सिंह ने जानबूझकर यह नाम फाइनल किया।
ऐसा ही संदेह मंदसौर सीट से सुधीर गुप्ता के नाम की घोषणा को लेकर व्यक्त किया जा रहा है। यहां से वरिष्ठ भाजपा नेता रघुनंदन शर्मा टिकट मांग रहे थे। वे वर्तमान सांसद और कांग्रेस प्रत्याशी मीनाक्षी नटराजन को कड़ी टक्कर देने में सक्षम थे, लेकिन टिकट ही हासिल नहीं कर सके। बालाघाट और सागर सीटों पर भी घोषित भाजपा प्रत्याशी कमजोर माने जा रहे हैं। छिंदवाड़ा और गुना लोकसभा सीट की स्थिति भी ऐसी ही है। इसके अलावा कुछ और भी सीटें गिनाई जा रहीं हैं जहां भाजपा प्रत्याशी का नाम घोषित होते ही मोदी की लहर गायब हो गई।