चुनावी बुखार सारे देश में फ़ैल चुका है, हर दल अपना हर संभव प्रयास कर रहा है जिससे वह अपनी सीट बचा सके. मैंने भी कृष्णामूर्ति पद्धति द्वारा यह जानने का प्रयास किया है की कौन सा प्रत्याशी जीतेगा और कौन हारेगा..फग्गन सिंह कुलस्ते को मंडला से प्रत्याशी बनाया गया है .आइये देखते हैं क्रमांक १२५ की प्रश्न कुंडली विवेचन में क्या परिणाम आता है :
जीत के लिए नियम : यदि छठे भाव का उपनक्षत्र स्वामी ६,१०,११ में से किसी का कार्येष गृह है तो व्यक्ति जीत सकता है अन्यथा यदि वह गृह ४,५,१२ का कार्येष है तो वह हार जाता है. यदि वह दोनों प्रकार के भावों को सामान रूप से दर्शाता है तो महादशा अंतर और प्रत्यंतर स्वामी किन भाव के कार्येष हैं ये देखना चहिये..:
छठे भाव का उपनक्षत्रस्वामी राहू है जो लग्न में स्थित है और वह चद्रमा के उपनक्षत्र में है जो चतुर्थ में है.
दशम का नक्षत्र उपनक्षत्र स्वामी चंद्रमा चतुर्थ भाव में है और यह शुक्र के उपनक्षत्र में है जो चतुर्थ भाव में है.
लाभ स्थान का उपनक्षत्र स्वामी शुक्र है चतुर्थ भाव में और यह राहू के उपनक्षत्र में है जो की लग्न भाव में है.
इस समय चन्द्रमा शुक्र उपनक्षत्र में है जो चतुर्थ भाव में है.
निष्कर्ष : ये नहीं जीत पायेंगे .
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