वन विभाग में रेत माफिया का कब्जा

shailendra gupta
नितिन दत्ता/तामिया/छिंदवाडा। तमिया के जंगलो मे इन दिनो रेंत माफियाओ का जंगलराज चल रहा है वन क्षेत्र में नियमो को ताक पर रख कर जम कर रेत अवैध उत्खनन बेरोक टोक जारी है यह सब कुछ वन विभाग की मिलीभगत से लगातार जारी है|

पश्चिम वनमडल सामान्य छिंदवाडा के उप वनमडंल तामिया के अनुविभागीय अधिकारी और तामिया ,देलाखारी ,झिरपा, सांगाखेडा के वन परिक्षेत्र अधिकारीओ की सांठ्गांठ से प्रतिदिन सैकडो डम्फर अवैध रेंत का अवैध उत्खनन कर चांदी काट रहे है| क्षेत्र में प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री सडक योजना सहित ग्राम पंचायतो में चल रहे निमार्ण कार्यो में छुटभैया नेताओ द्वारा ट्रेकटर ट्राली ,बडे वाहनो से अवैध रेंत सप्लाई वन क्षेत्र से की जा रही है |

यहां से हो रहा है रेत का अवैध उत्खनन


वन परिक्षेत्र तामिया के घटलिंगा एंव गुडीछतरी से लगी नदी कुर्सी ढाना सर्किल के कानखेरी नदी व छोटे नालो से ,निशान की दूधीनदी और जमरतस ग्राम की नदी से वन परिक्षेत्र देलाखारी की मर्राउन नदी और आजंनढाना के आसपास के वनक्षेत्र के छोटे नदी नालो से , बम्हनी की दूधी नदी और वन क्षेत्र के छोटे नदी नालो से रेंत का अवैध उत्खनन जमकर हो रहा है|

इसी तरह वन परिक्षेत्र झिरपा के रेनीखेडा के जंगल में बहने वाली नदी एव छोटे नालो से, चावलपानी , बोदलकछार से निकलने वाली दूधी नदी से रोजाना लाखो की रेंत का अवैध उत्खनन के साथ परिवहन हो रहा है | वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी सामने से चोरी करवा रहे है|

वन विभाग खुद ही कर रहा है वनक्षेत्र से रेत चोरी


तामिया उपवन मंडल में के चारो परिक्षेत्र में निर्माण कार्य चल रहे है जहा वन विभाग चोरी की रेंत का इस्तेमाल कर रहा है | वही स्थानीय रेंत स्प्लायरो से फर्जी बिल लेकर शासकीय राशि का आहरण कर लिया जाता है | तामिया परिक्षेत्र में वन विभाग का लगभग दस लाख की लागत का गोदाम निर्मित किया जा रहा है जिसका कार्य डिप्टी रेंजर उइके के एक रिश्तेदार करा रहे है | वही देलाखारी उत्पादन में भवन निर्माण कार्य में भी चोरी की रेंत उपयोग किया जा रहा है | सांगाखेडा में गोदाम और झिरपा परिक्षेत्र के वन विभागीय निर्माण कार्य में यही स्थिति है |वन विभाग के पास रेंत की एक भी अधिकृत पर्ची नही है | जबकि तामिया में भूपेंद्र सिह ठाकुर के पास प्रतापगढ वाली रेंत खदान का ठेका है|

वन अधिकारीयों की सांठगांठ से फलफूल रहे है क्षेत्र के ठेकेदार और ग्राम पंचायते – क्षेत्र में प्रधानमंत्री सडक योजना और मुख्यामंत्री सडक योजना के अरबो के कार्य के टेंडर हुये है | इसी तरह ग्राम पंचायतो में बीआरजीएफ तथा अन्य मदो के करोडो के निर्माण कार्य चल रहे है | इस पूरे गौरखधंधे क्षेत्र के ठेकेदार ,स्प्लायर छुटभैये नेता सरपंच सचिव जम कर माल कमा रहे है | जितने भी बडे छोटे निर्माण कार्य क्षेत्र में हो रहे है सभी चोरी की रेंत का उपयोग हो रहा है यह सब वन अधिकारीयो की मिलीभगत से हो रहा है  |

ऊपर से नीचे तक है जाता कमीशन

चोरी की रेंत निकालने  परिवहन करने निर्माण कार्य में लगाने के इस काले खेल में चौकीदार ,नाकेदार रेंजर से लेकर हर स्तर के अधिकारीओ का कमीशन बंधा हुया है | रेंत चोरी से वन सम्पदा को भारी नुकसान होने के साथ शासनको भी चपत लगाई जा रही है | वन भूमि से प्रति दिन 100 से अधिक डम्फर रेंत का अवैध उत्खनन कर रहे है |

रेत ठेकेदार ने लगाये आरोप

वन भूमि से प्रति दिन 100 से अधिक डम्फर रेंत का अवैध उत्खनन कर परिअवहन कर रहे है| रेंत ठेकेदार भूपेंद्र सिंह ठाकुर ने वन विभाग पर रेंत उत्खनन करने का आरोप लगाते हुये बताया कि मेरी अधिकृत प्रतापगढ रेंत खदान से प्रतिदिन आंठ से दस डफर रेंत जाती है परन्तु क्षेत्र में व्यापक स्तर पर शासनके अन्य मद के निर्माणकार्यो में चोरी की रेंत लगाई जा रही है    

इनका कहना है
“वन विभाग द्वारा कराये जाने वाले स्वंय के विभागीय निर्माण कार्यो के निरंतर अवैध उत्खनन कर चोरी की रेंत उपयोग में लाई जा रही है| प्रशासन ने मुझे रेंत का ठेका दिया है| वन विभाग ने आज तक मुझ से कभी रेंत नही खरीदी है|“
भूपेंद्र सिंह ठाकुर
रेंत ठेकेदार तामिया

“स्थानीय रेंत सप्लायर वीरेंद्र राय से रेंत ली गई है| अगर रेंत वन क्षेत्र से अवैध रूप से लाकर दी रही है तो देलाखारी के वन परिक्षेत्र अधिकारी को कार्यवाही करनी चाहिये “
नितिन निगम
परिक्षेत्र अधिकारी देलाखारी(उत्पादन)

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