रायपुर। ग्वालियर, भिंड, मुरैना में सक्रिय नरवरिया परिवार ने दिल्ली में बीएनपी इंडिया डेवलपर्स एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड बनाकर कई राज्यों में आलीशान दफ्तर खोला. कई राज्यों में घूम-घूमकर मैनेजरों, फील्ड आॅफिसरों और एजेंटों की नियुक्ति की. आकर्षक वेतन, बोनस और कमीशन का लालच देकर उनके जरिये सौ करोड़ से ज्यादा वसूले गये.
जब रकम लौटाने की बारी आई, कंपनी के डायरेक्टर फरार हो गये और महाराष्टÑ, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में लाभ उठाने वाले लोगोें ने पल्ला झाड़ लिया. लेकिन पुलिस ने कंपनी पर शिकंजा कस दिया है. दिलचस्प यह भी है कि बीएनपी इंडिया का दिल्ली में एक कमरे का दफ्तर मिला है. वहां भी कोई बोर्ड नहीं लगा है. तीन बड़े राज्यों में करोड़ों का बिजनेस करने वाली इस कंपनी के बारे में दिल्ली में पास-पड़ोस के लोग कुछ नहीं जानते हैं. रकम दोगुना करने, आकर्षक लाभ और कम कीमत पर प्लाट का झांसा देकर छत्तीसगढ़ में बीएनपी इंडिया के फील्ड आॅफिसरों और एजेंटोें ने 50 हजार लोगों को जोड़ा. इनसे एकमुश्त या किश्तों में 46 करोड़ रुपये जमा कराये गये.
जब रकम लौटाने या प्लाट देने का समय आया, पचपेढ़ी नाका स्थित दफ्तर 1012 में ताला लग गया. राजेन्द्रनगर स्थित कंपनी के अस्थायी गेस्ट हाऊस में पुलिस ने छापा मारा तो वहां दस्तावेज बरामद हुये. एक साल तक जांच के बाद पुलिस ने डायरेक्टरों की घेरेबंदी शुरु की. रायपुर में कंपनी से आकर्षक वेतन, बोनस और कमीशन लेने वालों को भी दबोचा. कंपनी के जो प्रमुख लोग थे, उन्हें जेल भेजा गया. अब कंपनी के 11 कर्ताधर्ता पुलिस के शिकंजे में आ चुके हैं लेकिन मुख्य आरोपी राघवेन्द्र सिंह नरवरिया 40 वर्ष ठाठीपुर ग्वालियर गिरफ्त से बाहर है. इस आरोपी की पत्नी डायरेक्टर गेंदाबाई 38 वर्ष को भी जेल भेज दिया गया है.
11 गिरफ्तार पर रकम का पता नहीं
छग पुलिस ने एक साल में कंपनी से जुड़े 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें आधा दर्जन आरोपी डायरेक्टर हैं. मुख्य आरोपी राघवेन्द्र सिंह नरवरिया की तलाश की जा रही है. दिलचस्प यह है कि केवल छग से ही 46 करोड़ वसूलने वाली कंपनी के दफ्तरों और बैंक खातों में पुलिस को रुपये ही नहीं मिले. गिरफ्तार डायरेक्टर भी रुपये के बारे में कुछ नहीं बता पाये. तीन डायरेक्टरों कुंवर सिंह उर्फ कुबेर पिता देवदयाल 33 वर्ष चित्राहाट आगरा उप्र, नीरज सिंह नरवरिया पिता जयकुमार सिंह 27 वर्ष सिटी कोतवाली भिंड मप्र, नीलेश सिंह नरवरिया पिता उदय सिंह 34 वर्ष ग्वालियर से रायपुर में पूछताछ हो रही है.
एचबीएन के खिलाफ जांच तेज
दिल्ली की कंपनी एचबीएन डेयरी एंड एलाइड एवं एचबीएन फूड्स के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी-जालसाजी मामले की जांच तेज हो गई है. कंपनी के आरोपी डायरेक्टरों के दिल्ली में नहीं मिलने पर पुलिस ने खुफिया तौर पर जानकारियां जुटानी शुरु कर दी है. पुलिस का कहना है कि कंपनी को सेबी ने जमाकर्ताओं के रुपये लौटाने के निर्देश दिये हैं. कोर्ट में कंपनी की ओर से जल्द भुगतान का वादा किया गया लेकिन निवेशकों को जारी चेक के लगातार बाऊंस होने से जमाकर्ताओं में भारी आक्रोश है. लिहाजा कड़ाई के निर्देश दिये गये हैं.