सागर। रिश्वत लेने के मामले में निलंबित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर राहुल मधुसूदन देव का एक और काला कारनामा उजागर हुआ है। कॉलेज में फॉर्मासिस्ट व एचआर मैनेजर के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर उसने बहेरिया के दो छात्रों से 1 लाख 20 हजार रुपए ऐंठे थे।
आरोपी ने खुद को चयन समिति में बताते हुए अपने एक सहयोगी के जरिए छात्रों से ३-३ लाख रुपए में नौकरी का सौदा तय किया था। मामला ६ महीने पहले का है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार बहेरिया के कर्रापुर निवासी राम अजय पिता लखन लाल पवार ने कुछ दिनों पहले सीएसपी गौतम सोलंकी से शिकायत की थी कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर राहुल देव, दमोह हटा के हजारी वार्ड निवासी विपिन पिता लटोरी साहू व कर्रापुर निवासी इंद्रजीत पिता शंकर लाल राय ने ३-३ लाख रुपए में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगी की है।
असिस्टेंट प्रोफेसर ने २१ सितंबर २०१३ को अपने एजेंट इंद्रजीत राय के माध्यम से राम अजय को फार्मासिस्ट के पद पर नौकरी लगवाने ७५ हजार रुपए तथा दुष्यंत चौरसिया को एचआर मैनेजर के पद पर नौकरी लगवाने के लिए ४५ हजार रुपए लिए। रुपयों का लेन देन सागर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-१ पर हुआ था। इसके बाद दोनों के दस्तावेजों की प्रतियां लेकर राहुल देव ने उन्हें भरोसा दिया कि मैं चयन समिति हूं। तुम्हारा चयन हो जाएगा। पुलिस के अनुसार इंद्रजीत के भाई की ससुराल हटा में है। इसी लिंक से उनका हटा निवासी विपिन साहू से संपर्क हुआ था। पुलिस ने राम अजय, दुष्यंत चौरसिया, लखन पवार, देवी सिंह दांगी के बयान दर्ज किए।
मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली थी लेनदेन की बातचीत
जब काफी दिन बीतने के बाद भी चयन सूची जारी नहीं हुई, तब छात्रों ने राहुल देव व इंद्रजीत से संपर्क किया। उन्होंने आचार संहिता लागू होने का बहाना बनाकर बात टाल दी। जब वे शेष राशि डिमांड करने लगे, तो राम अजय ने मोबाइल पर अपने पिता से आरोपियों की बात कराई और इस लेनदेन की बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली। सीएसपी ने बताया कि पहले गोपालगंज पुलिस ने मामले की जांच की थी, चूंकि रुपयों का लेनदेन प्लेटफॉर्म नंबर 1 के बाहर हुआ था, इसलिए केस कैंट पुलिस को ट्रांसफर कर दिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420 के तहत केस दर्ज कर लिया है। दोनों की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं हुई।
क्लीनिक पर घूस लेते पकड़े गए थे राहुल देव
करीब तीन महीने पहले असिस्टेंट प्रोफेसर राहुल देव अपनी निजी क्लीनिक पर एक किशोरी के इलाज के नाम पर उसके पिता से 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए थे। इसके बाद उन्हें निलंबित कर अधीक्षक कार्यालय में अटैच कर दिया गया था।