एक ही समय पर इधर चुनाव ड्यूटी और उधर परीक्षा करा रहे थे 18 कर्मचारी

ललित साहू/छिंदवाड़ा। यहां ऐसे 18 अधिकारी/कर्मचारी मिले हैं जो एक ही समय में दो अलग अलग स्थानों पर उपस्थित थे। एक तरफ चुनाव ड्यूटी कर रहे थे और दूसरी तरह परीक्षाएं करवा रहे थे। आप कहेंगे यह कैसे हो सकता है, लेकिन सरकारी दस्तावेज तो यही बयां कर रहे हैं। जांच करवा लीजिए।

बिना लाग लपेट के सबसे पहले पढ़ लीजिए उन अधिकारी/कर्मचारियों के नाम पर जो एक ही समय पर दो स्थानों पर उपस्थिति दर्ज करवा गए।

सूची (पदनाम व पदस्थापना सहित)

  1. के.एल.झरबड़े प्राध्यापक पीजी काॅलेज छिंदवाड़ा
  2. डाॅ.बी.के डेहरिया प्राध्यापक पीजी काॅलेज छिंदवाड़ा
  3. राजेंद्र सिंह ठाकुर व्याख्याता कन्या शिक्षा परिसर
  4. (इन्हें मास्टर ट्रेनर को ट्रेनिंग देनी थी)
  5. प्रेम सिंह पटेल व्याख्याता कन्या शिक्षा परिसर
  6. अनिल कुमार सिंघई व्याख्याता कन्या शिक्षा परिसर
  7. अशोक माहेश्वरी व्याख्याता म.ल.बा.क.उ.मा.विघालय
  8. रईस खान व्याख्याता उत्कृष्ट विघालय
  9. साबिर फारूखी व्याख्याता उत्कृष्ट विघालय छिंदवाड़ा
  10. धीरेंद्र दुबे वरिष्ठ अध्यापक उत्कृष्ट विघालय छिंदवाड़ा
  11. इन्हें भी मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण लेना था
  12. डाॅ.यू.के.जैन प्राध्यापक पीजी काॅलेज
  13. डाॅ. अमिताभ पाण्डे प्राध्यापक पीजी काॅलेज
  14. अनिल जैन प्राध्यापक पीजी काॅलेज
  15. एस.सी.लांबा प्राध्यापक पीजी काॅलेज
  16. दिनेश चैधरी प्राध्यापक राजामाता सिंधिया काॅलेज
  17. डाॅ. संजय मुंजे प्राध्यापक पीजी काॅलेज
  18. पंकज पाठक प्राध्यापक पीजी कालेज


अब पढ़िए पूरी रिपोर्ट:—
आम चुनाव एक अति सवेंदनशील, राष्ट्रीय स्तर का, अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम, चुनाव आयोग के निर्देश सख्त, चुनाव संचालन के लिए फूंक-फूंक के उठाए जाते है कदम, किसी भी प्रकार की गलती के लिए माफी को कोई स्थान नहीं।

चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही पूरा प्रशासन मुस्तैदी के साथ चुनाव कार्य में जुट जाता है। खबरों में चुनावी खबरों को महत्व मिलने लगता है। कुछ ऐसी महत्वपूर्ण जानकारीयों हासिल हुई जिसने छिंदवाड़ा लोकसभा चुनाव की तैयारियों एवं कार्रवाईयां हासिल हुई जिसने छिंदवाड़ा लोकसभा चुनाव की तैयारियों एवं कार्यवाहीयों की पोल खोल कर रख दी और 10 अप्रैल को होने वाले चुनाव पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया कि चुनाव तो होगा पर चुनावी प्रक्रियाओं की क्वालिटी क्या होगी?

क्या चुनावी प्रक्रियाओं की कार्यवाही सही-सही हो पाएगी, हाॅलाकि कर्मचारियों ने हाल में ही मप्र के विधान सभा चुनाव सम्पन्न कराए हैं तब भी उन्हें चुनाव का प्रशिक्षण दिया गया था फिर भी चुनाव आयोग लोकसभा चुनावों से पूर्व एक बार और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इससे चुनावों की सवेंदनशीलता का अनुमान लगाया जा सकता है।

चुनाव कार्यक्रमों के अनुसार सभी कुछ क्रम से हो रहा है इसी क्रम में 9 मार्च को प्रातः 11 बजे से दोपहर 02 बजे तक मास्टर्स ट्रेनर्स का प्रशिक्षण कार्यक्रम कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में आयोजित किया गया था, मास्टर ट्रेनर्स याने वे लोग जिन्हें चुनाव कराने वाले मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षण देना होता है, याने अति महत्वपूर्ण कार्य इनके द्वारा मतदान अधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया की एक-एक बारीकी समलाई जाती है जिससे चुनाव बिना किसी रूकावट और गलतियों के सम्पन्न हो लेकिन यदि मास्टर ट्रेनर्स ने ही प्रशिक्षण न लिया हो तो फिर मतदान अधिकारीयों के प्रशिक्षण का क्या होगा।

‘अनमोल सुबह’ को जब यह जानकारी मिली तो जो हकीकत सामने आई वह चौंकाने वाली थी। 9 मार्च, रविवार को कलेक्टर सभाकक्ष में मास्टर ट्रेनर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण देने वाले से लेकर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लगभग 15 मास्टर ट्रेनर्स गायब थे याने छिंदवाड़ा विधान सभा अंतर्गत जिन मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु बुलाया गया था और जिन्हें इनकों प्रशिक्षण देना था वे पूरे समय नदारद थे याने प्रशिक्षण न दिया गया और न ही लिया गया लेकिन मजेदार बात तो ये है कि प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध उपस्थिती पंजी में बकायदा सभी के हस्ताक्षर मौजूद है।

बात यहीं खत्म नहीं होती, प्रशिक्षण के समय ये सभी बकायदा 9 मार्च, रविवार को आयोजित व्यापम की पीआरटी 2013 परीक्षा में अपनी-अपनी उपस्थिती न केवल दर्ज करा रहे थे बल्कि पूरी ईमानदारी से सुबह से देर शाम तक अपना-अपना कार्य करते रहे याने इन मास्टर ट्रेनर्स ने कलेक्टर सभा कक्ष में ट्रेनिंग देने व लेने के लिए अपने-अपने क्लोन भेज दिए थे।

इन्होनें चुनाव जैसे अति सवेंदनशील कार्य को प्राथमिकता न देते हुए व्यापम द्ववारा आयोजित परीक्षा को महत्व दिया, जिला प्रशासन गलतफहमी में की सब कुछ ठीक चल रहा हैं पर उसकी नाक के नीचे ही कर्मचारी बेकौफ कारनामें किये जा रहे हैं।

अधिकारीयों के कृपा पात्र इन कर्मचारीयों की जानकारी लेने पर पता चला कि मैदानी ड्यूटी से बचने के लिए ये जुगत भीड़ा कर मास्टर ट्रेनर्स के लिए अपने आदेश करवाते है इनमें काॅलेज के प्रोफेसर से लेकर स्कूलों के व्याख्याता व वरिष्ट अध्यापक शामिल है, एक ओर चुनाव और दूसरी ओर व्यापम की परीक्षा और वे भी घोटाले के बाद की पहली परीक्षा जो यह सोचने में मजबूर करती है कि चुनाव जैसे संवेदनशील कार्य को छोड़ ये लोग व्यापम की परीक्षा की ओर क्यों दौड़ें बड़ी-बड़ी तनख्वाह लेने वाले ये प्रोफेसर और व्याख्याता थोड़ें से मानदेय के लोभ में परीक्षा की और दौड़े या फिर कोई बड़ा लाभ उन्हें व्यापम की ओर खीच लाया कही अभी भी तो व्यापम में कोई तिकड़म तो नहीं।

इस विषय पर प्रशिक्षण प्रभारी एन.एस.एस बरकड़ें, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग से चर्चा कि गई तो जबाब भी बड़ा मजेदार था, बरकड़ेंजी  का कहना था कि शासकीय कर्मचारी एक समय में कई जगह उपस्थित रह सकता है यदि उनकी बात माने तो यह तभी सभंव है जब शा. कर्मचारीयों ने अपने-अपने क्लोन तैयार कर लिए हो तभी तो वे एक समय में प्रशिक्षण लेते और देते दिखाई पड़ें और उसी समय व्यापम् परीक्षा का संचालन भी कर ले।
अब देखना यें हैं कि इतनी बड़ी गलती के लिए छिंदवाड़ा लोकसभा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, इन अधिकारियों एवं कर्मचारीयों को क्या सजा देते है और निर्वाचन आयोग एक गड़बड़ी को किस रूप में लेता है।

यदि कोई कर्मचारी प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहता है तो उसे तत्काल कारण बताओं नोटिस दिया जाता है और जवाब से संतुष्ट ने होने पर तत्काल निलंबित कर दिया जाता है।

दिनांक 13,14, एवं 15 मार्च को मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण में लगभग 155 कर्मचारी अनुपस्थित थे। जिन्हें तत्काल कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। किंतु जिन प्रोफेसर और व्याख्याताओं ने पूरा-पूरा कर प्रशिक्षण हजम कर लिया, उनके खिलाफ कार्रवाई का कुछ पता नहीं। इन्होनें ने केवल चुनाव का माखौल उड़ाया है। बल्कि फर्जी हस्ताक्षर कर 420 की है। देखना अब यह है कि जिला निर्वाचन अधिकारी एवं निर्वाचन आयोग इस गलती की क्या सजा देता है।
ऐसे प्रोफेसरों, व्याख्याता और वरिष्ट अध्यापक की सूची जिनके उपस्थिति हस्ताक्षर 9 मार्च को कलेक्टर सभाकक्ष के ट्रेनिंग उपस्थिती पत्रक व व्यापम् परीक्षा में इनकी उपस्थिती को दर्ज कराते दस्तावेजों में है।

सूची (पदनाम व पदस्थापना सहित)
के.एल.झरबड़े प्राध्यापक पीजी काॅलेज छिंदवाड़ा
डाॅ.बी.के डेहरिया प्राध्यापक पीजी काॅलेज छिंदवाड़ा
राजेंद्र सिंह ठाकुर व्याख्याता कन्या शिक्षा परिसर
(इन्हें मास्टर ट्रेनर को ट्रेनिंग देनी थी)
प्रेम सिंह पटेल व्याख्याता कन्या शिक्षा परिसर
अनिल कुमार सिंघई व्याख्याता कन्या शिक्षा परिसर
अशोक माहेश्वरी व्याख्याता म.ल.बा.क.उ.मा.विघालय
रईस खान व्याख्याता उत्कृष्ट विघालय
साबिर फारूखी व्याख्याता उत्कृष्ट विघालय छिंदवाड़ा
धीरेंद्र दुबे वरिष्ठ अध्यापक उत्कृष्ट विघालय छिंदवाड़ा
इन्हें भी मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण लेना था
डाॅ.यू.के.जैन प्राध्यापक पीजी काॅलेज
डाॅ. अमिताभ पाण्डे प्राध्यापक पीजी काॅलेज
अनिल जैन प्राध्यापक पीजी काॅलेज
एस.सी.लांबा प्राध्यापक पीजी काॅलेज
दिनेश चैधरी प्राध्यापक राजामाता सिंधिया काॅलेज
डाॅ. संजय मुंजे प्राध्यापक पीजी काॅलेज
पंकज पाठक प्राध्यापक पीजी कालेज


अधिकारियों के जवाब
एक शासकीय कर्मचारी एक समय में कई जगह उपस्थित रह सकता है मैनें ही इन्हें अनुमति दी थी
एन.एस.बरकड़े
सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग एवं प्रशिक्षण अधिकारी

हमारें यहां से अशोक माहेश्वरी, मास्टर ट्रेनर बनाए गए। ये 12 बजे परीक्षा हेतु स्कूल आ गए थे। परीक्षा समाप्ति तक रहे
बी.सी.वाडिवा
प्राचार्य म.ल.बा.क.उ.मा. विघालय

हमारे यहां से 2 व्याख्याता एवं 01 अध्यापक को मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। ये सभी 11.30 बजे परीक्षा केंद्र में उपस्थित हुए तथा परीक्षा समाप्ति तक रहे।
आई.एम.भीमनवार
प्राचार्य उत्कृष्ट विघालय

चुनाव मेें सब चलता है।
डाॅ.पी.आर.चंदेलकर
समन्वयक, व्यापक परीक्षा/प्राचार्य पीजी काॅलेज छिंदवाड़ा।

ममला मेरे संज्ञान में आया है मैं इनकी पुनः ट्रेनिंग कराऊंगा। हस्ताक्षर दो स्थानों पर मान्य नहीं होगें।
महेशचंद्र चौधरी
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर छिंदवाड़ा

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