भोपाल। मध्यप्रदेश में 6 हजार से ज्यादा खदानें बंद हैं। खनिज माफिया पूरे प्रदेश में एक्टिव है, बावजूद इसके खनिज विभाग के राजस्व में रिकार्ड 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। जरा सोचिए यदि पूरा टैक्स मिल जाता तो यह तरक्की कितने प्रतिशत होती।
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश तथा पर्यावरणीय एनओसी अनिवार्य करने से बंद पड़ी हजारों छोटी खदानों के बावजूद प्रदेश के खनिज महकमे ने रिकॉर्ड राजस्व वसूला है। खनिज विभाग ने निर्धारित लक्ष्य से लगभग 20 प्रतिशत अधिक राजस्व वसूली कर विपरीत परिस्थितियों में भी कीर्तिमान स्थापित किया है।
गौरतलब होगा कि पहले यह आशंकाएं जताई जा रही थी कि इस वर्ष राजस्व वसूली में खनिज विभाग अपने निर्धारित लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकेगा। इसकी सबसे बड़ी वजह थी, एनजीटी के आदेश के बाद प्रदेश की लगभग 6 हजार छोटी खदानें एक लंबे अर्से से बंद पड़ी हुर्इं हैं, जबकि इन्हीं खदानों से एक बड़ा राजस्व विभाग को प्राप्त होता है। ऐसे में खनिज का निर्धारित लक्ष्य पाने के लिए महकमे के आला अफसरों ने रणनीति बनाकर अंजाम दिया।
खनिज विभाग के सूत्रों के अनुसार निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के लिये इस बार जहां दानों से अवैध परिवहन पर शिकंजा कसा गया, वहीं अवैध खनन के प्रकरण बनाकर उनसे भी सख्ती के साथ पेनाल्टी वसूली की गई। नतीजतन विभाग न सिर्फ निर्धारित टारगेट हासिल कर सका, बल्कि उसने टारगेट से लगभग चार सौ करोड़ रुपये ज्यादा हासिल करने में कामयाबी पाई। यहां पर गौरतलब होगा कि इस वर्ष खनिज विभाग का निर्धारित टारगेट 2520 करोड़ रुपए किया गया था। लेकिन विभाग ने 28 मार्च तक 2902 करोड़ रुपये वसूली कर ली थी। हालांकि 29-30 तथा 31 मार्च के आंकड़े अभी आना बाकी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इस दौरान करीब 6 सौ करोड़ रुपये की विभाग को आय हुई है, जिससे राजस्व प्राप्ति का आंकड़ा और बढ़ना तय है।