भोपाल। कांग्रेस के चतुर सुजान दिग्विजय सिंह ने अंतत: राजकुमार पटेल को कांग्रेस में वापस बुलवा ही लिया। पटेल पिछले 5 साल से कांग्रेस से निष्कासित थे और उनकी वापसी की कोई संभावना नहीं थी, लेकिन एक नौटंकी रची गई और राजकुमार पटेल की ससम्मान वापसी हो गई।
मध्यप्रदेश में भले ही दिग्विजय सिंह का दखल हाईकमान के आदेशानुसार बंद हो गया हो परंतु आज भी कठपुतलियों की डोर तो दिग्गीराजा के हाथ में ही है। वो मध्यप्रदेश में जो तय कर लेते हैं, कांग्रेस में वही होता है।
पिछले दिनों सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई के नाम पर राजकुमार पटेल ने विदिशा लोकसभा से पर्चा दाखिल किया था। इसी के साथ इस कदम के पीछे की राजनीति का अनुमान लगाया जाने लगा था। भोपालसमाचार.कॉम ने उस समय भी इस रणनीति का खुलासा कर दिया था और स्टेप बाई स्टेप वही हुआ जो कयास लगाया गया था।
राजकुमार पटेल ने स्वाभिमान के नाम पर लड़ी गई लड़ाई, अचानक बंद कर दी। अपना नाम वापस ले लिया और कांग्रेस में वापस ज्वाइन भी कर लिया। इस पूरे खेल के सूत्रसंचालक दिग्विजय सिंह एक बार फिर अपने मोहरों को सही जगह पर फिट करने में सफल रहे। अब देखना यह है कि विदिशा में क्या वो लक्ष्मण सिंह को जीत दिलाते हैं या सुषमा स्वराज के साथ ...।