भोपाल। भाजपा प्रत्याशी आलोक संजर के समर्थन में जिस तरह से कायस्थ कार्ड का उपयोग किया जा रहा है, उसने ब्राह्मणों को पीसी शर्मा के समर्थन में धकेलना शुरू कर दिया है।
यह पहली बार है कि भोपाल सीट का लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय आंधी और लहरों के इतर स्थानीय जातिवाद पर केन्द्रित हो गया है वो भी कायस्थ और अन्य के बीच। चुनाव मैदान में उतरने के बाद से ही कायस्थ समाज के सक्रिय लोग जो राजनीति में शामिल नहीं थे, वो भी कमल की टीशर्ट पहनकर घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं। आलोक संजर ने कायस्थ समाज पर इस कदर फोकस किया कि भाजपा और गैरराजनैतिक कायस्थों के अलावा कांग्रेस में शामिल कायस्थों को भी अपने साथ कर लिया। बार बार यह जताया जा रहा है कि भोपाल के 100 प्रतिशत कायस्थ आलोक संजर के साथ हैं।
इस हवा का असर यह हुआ कि भोपाल के अन्य वर्ग पीसी शर्मा के साथ जुटने लगे हैं। खासतौर पर ब्राह्मण समाज को लोग पीसी शर्मा के समर्थन में एकजुट होने लगे हैं। हालात यह बन गए हैं कि भाजपा में मौजूद ब्राह्मण नेता भी आलोक संजर के कायस्थ कार्ड से नाराज होकर चोरीछिपे पीसी का प्रचार कर रहे हैं।
कुल मिलाकर संघर्ष अब भाजपा और कांग्रेस के बीच नहीं बल्कि कायस्थ और बाह्मणों के बीच होता जा रहा है। भोपाल लोकसभा सीट के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब इस प्रकार के दो समाज आमने सामने होंगे। देखते हैं मतदान के दिन तक क्या क्या गुल खिलते हैं भोपाल के इस चुनावी तालाब में।