भोपाल। रतलाम से नीमच के बीच हैदराबाद -अजमेर एक्सप्रेस में चूहों ने एक जज का बैग कुतर डाला। इससे नाराज जज अनिल कुमार ने स्टेशन अधीक्षकों के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में वाद दायर कर दिया। उनका दावा है कि यह रेलवे की गलती के कारण हुआ अत: रेलवे को क्षतिपूर्ति भरनी होगी।
रायगढ़/छत्तीसगढ़ के सत्तीगुड़ी चौक निवासी अनिल कुमार शुक्ला पिता स्व. राजेंद्र प्रसाद शुक्ला रायगढ़ में ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश हैं। जज श्री शुक्ला 11 सितंबर 2014 को रायगढ़ से भोपाल और भोपाल से नीमच तक यात्रा कर रहे थे। उनके साथ पत्नी भी सफर कर रहीं थीं। रायगढ़ से भोपाल तक दूसरी ट्रेन में और यहां से उनका रिजर्वेशन 12720 हैदराबाद -अजमेर ट्रेन में था।
यात्रा शुरू होने से पहले उन्होंने रायगढ़ के जयश्री मार्केटिंग स्थित एक दुकान से 2246 रुपए कीमत का एक सफारी बैग खरीदा था, जिसमें कपड़े रखे हुए थे। इस दौरान जब ट्रेन रतलाम पहुंची तब तक बैग सुरक्षित था, लेकिन जैसे ही ट्रेन नीमच पहुंची और जब बैग को बर्थ के नीचे निकाला गया तो उसकी स्थिति देखकर हतप्रभ रह गए। बैग को चूहों ने अलग- अलग जगहों से काट दिया था। बैग को काटने से अंदर कपड़े को भी नुकसान पहुंचा। चूहों के इस आतंक की वजह से उन्हें 3246 रुपए की क्षति हुई है।
उन्होंने नीमच स्टेशन अधीक्षक व रेल प्रशासन से भी इस मामले की शिकायत की, लेकिन किसी से संतोषप्रद जवाब नहीं मिला। हालांकि जज श्री शुक्ला पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रायगढ़ लौट गए। इसके बाद उन्होंने रायगढ़ जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष इस मामले की शिकायत करते हुए रेलवे से बतौर क्षतिपूर्ति 3246 रुपए तथा मानसिक कष्ट व संत्रास के मद में 25000 रुपए इस तरह 28246 रुपए रेलवे से बतौर प्रतिकर मांगा है। उक्त यात्रा के लिए आरक्षण रायगढ़ से ही कराया गया था। इसलिए उन्होंने रायगढ़ स्टेशन अधीक्षक को भी अनावेदक बनाया है।
रेलवे ने नहीं दी क्षतिपूर्ति
न्यायाधीश श्री शुक्ला ने 12 सितंबर 2014 को रेलवे को रजिस्टर्ड डाक से क्षतिपूर्ति की मांग की थी। इसके बाद भी क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान नहीं किया गया। रेलवे के इस गैरजिम्मेदराना रवैए के कारण उन्होंने उपभोक्ता फोरम के समक्ष शिकायत कर क्षतिपूर्ति की मांग की है। शिकायत के साथ उन्होंने जयश्री मार्केटिंग का कैश मेमो क्रंमाक 5303, भोपाल से नीमच तक की यात्रा का टिकट, क्षतिग्रस्त बैग की फोटो आदि भी संलग्न किए हैं।