भोपाल। दुर्घटना में जबड़े टूटने की स्थिति में इसकी ओपन सर्जरी राजधानी स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) में एक हजार रुपए में हो जाएगी। यह राशि निजी अस्पतालों की तुलना में 25 गुना कम है।
प्राइवेट अस्पतालों में 'फ्रेक्चर जॉ ओपन रिडक्शन सर्जरी' पर कम से कम 25 हजार रुपए खर्च आता है। इसके अलावा एम्स में दांतों की स्केलिंग निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। प्रायवेट अस्पतालों में इस पर 500 से 2 हजार रुपए खर्च आता है।
इतना सस्ता इलाज
एम्स प्रबंधन ने दंत चिकित्सकीय सुविधाओं के लिए फीस निर्धारण कर दी है। शुल्क निजी अस्पतालों की तुलना में कई गुना कम हैं।
अस्पताल में कंसल्टेशन, स्केलिंग (दांतों की सफाई), एक्सट्रेक्शन, इंसीजन एंड ड्रेनेज व पल्प कैपिंग आदि सुविधाएं निःशुल्क रहेंगी।
बत्तीसी की रिपेयरिंग 100 रुपए में हो जाएगी।
बायोप्सी 250 रु. में होगी, जो बाहर 1000 रु. में होती है।
अक्ल दाड़ 250 रुपए में निकाली जाएगी। इस पर निजी अस्पतालों में एक हजार से 1200 रु. खर्च होता है।
एम्स का दंत चिकित्सा विभाग 16 तरह की सुविधा उपलब्ध करा रहा है, जिनकी फीस तय की गई है। तीन सेवाओं को छोड़कर किसी भी प्रक्रिया की फीस 250 रुपए से अधिक नहीं है।
दंत चिकित्सा से जुड़ी सभी सुविधाएं
दंत चिकित्सा विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंशुल राय ने बताया कि एम्स में ओपन जॉ सर्जरी शुरू हो गई है। दुर्घटनाओं में जबड़ा टूटने की घटनाएं बहुत होती हैं। ऐसे मरीजों को एम्स में सस्ती दरों पर सर्जरी करवाने की सुविधा दी जा रही है। दंत चिकित्सा से जुड़ी लगभग सभी जरूरी सेवाएं एम्स में शुरू हो चुकी हैं।
डिपार्टमेंट में सभी सेवाओं का शुल्क कम से कम तय किया गया है। अधिकतर सेवाएं निःशुल्क रखी गई हैं।
डॉ. पंकज गोयल
विभागाध्यक्ष, दंत चिकित्सा विभाग, एम्स भोपाल