अध्यापकों की ई अटेडेंस: कुछ जलते सवाल, एक जहरीला तीर

जयंत श्रीवास्तव। आज सत्तर हज़ार शिक्षकों के लिए सचमुच खुशी का "महान" दिन है, सभी 'विजेता " निसंदेह बधाई के पात्र हैं। हर वर्ष शिक्षक दिवस पर कथित "गुरु " की दयनीय स्थिति पर चिंतन - मनन (और चिंता अधिक) करता लेकिन वह सिरा पकड़ नहीं आता जहाँ से कोई प्रस्थान बिंदु मिले और निष्कर्ष प्राप्त हो  …………। लेकिन पिछले करीब एक माह से जारी " नाटक " देखने और आज उसका "पटाक्षेप " होने पर सारा मामला समझ आ गया और इस प्रश्न का भी जवाब मिला कि  क्यों आज "गुरु " "पतन के गर्त " में जा पहुंचा है।

बचपन में दादाजी से प्राय: सुना करता था कि व्यक्ति का मान -अपमान स्वयं उसके हाथों में है। तो क्या "गुरु " को "गरीब की भौजाई " बनने के लिए स्वयं "गुरु " ही जिम्मेदार नहीं है  ....... ? क्या कारण है कि जो " शिक्षक " समाज का आँख-कान हुआ करता था आज उसी पर पहरे बिठाने की बात की जा रही है   … जो "राष्ट्र -निर्माता " था "राष्ट्रीय -चरित्र " गढ़ता था आज उसके ही "चरित्र " पर उंगली उठाई जा रही है  …… ? क्या उठने वाली उंगली सही नहीं है   ....... ? यदि पूर्णत: सही नहीं है तो पूर्णत: गलत भी तो नहीं है   … !

बतर्ज "  हाथ कंगन को आरसी क्या  ....? " अगर शिक्षक सही हैं। । "ईमानदार ",कर्त्तव्य निष्ठ ,नैतिक ,वक्त -पाबंद तो फिर  " डर , भय  …… क्यों  …।  ?

दरअसल इसका विरोध वही कर रहे हैं जो "गलत " हैं। जिनके मन में "खोट " है भले ही उनकी संख्या सत्तर हज़ार की आधी हो लेकिन उनके कारण ही समूचा "गुरु "समाज अपमानित हो रहा है।  गेंहू के साथ घुन भी पिसता ही है लेकिन यह भी दुखद ही है कि यह संख्या " सत्तर हज़ार " की आधी नहीं अपितु " दुगनी " से अधिक ही है   ....... कितना मासूम तर्क है ( इनकी मासूमियत पर वारे जाने को दिल करता है ) एंड्रायड चलाना नहीं आता, नेटवर्क न मिले तो   ……गोपनीयता भंग होती है, पैसे कहाँ से आयंगे? कैसे खरीदेंगे, नेट का खर्च कौन देगा ? ( जैसे मुफ्त में समाज हित कर रहे हों )  ……संविदा शिक्षक कैसे मैनेज करेगा ? जबकि हकीकत क्या है   …?   प्रतिशत से अधिक संविदा शिक्षक "बाइक " मेंटेन कर रहे हैं ? और इतनों के पास ही एंड्रायड भी है और नेट भी चलाते हैं  …। तभी तो जाँच में कितने झूठे शपथ - पत्र पकडे गए   ……? यही "गुरु " की "नैतिकता " "ईमानदारी " है।

अंत में सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न    …… यदि सब कुछ सही है तो " शिक्षा की इतनी बदतर स्थिति " क्यों है   …? इसके लिए जिम्मेदार कौन है   …? क्या ऐसे ही शिक्षक जो "फरवरी " की स्पेलिंग नहीं लिख  पाते   .......

जयंत श्रीवास्तव
हायर सेकेंडरी स्कूल झाबुआ
मो।  9770297678

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