नई दिल्ली। आगरा में मुसलमानों के धर्म परिवर्तन के मामले ने आज एक नया मोड़ ले लिया। जिस फरियादी इस्माइल के आवेदन पर पुलिस ने बजरंग दल के नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था, उसी इस्माइल ने आज बयान दिया है कि उसने कोई एफआईआर नहीं कराई, पुलिस जांच के नाम पर सादे कागज पर उससे हस्ताक्षर ले गई थी।
आगरा में धर्मपरिवर्तन के मुद्दे पर आज संसद में जमकर हंगामा हुआ. मायावती ने इसके पीछे बीजेपी का हाथ बताया तो सरकार ने कहा कि केंद्र का इससे कोई लेना देना नहीं है. इस विवाद में बजरंग दल के कार्यकर्ता पर धोखाधड़ी का केस भी दर्ज हो गया है.
विपक्ष पीएम से जवाब मांग रही है. दूसरी तरफ क्रिसमस के दिन अलीगढ़ में पंद्रह हजार ईसाई और मुस्लिमों की तैयारी में संघ परिवार है. आरएसएस ने कहा है कि ये धर्म परिवर्तन नहीं, घर वापसी है.
पहले आगरा में लालच देकर धर्म परिवर्तन का विवाद हुआ और अब अलीगढ़ में धर्म परिवर्तन की बड़ी तैयारी को लेकर सरकार विरोधियों के निशाने पर है. क्रिसमस यानी 25 दिसंबर के दिन अलीगढ़ में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया है जिसमें हजारों लोगों के धर्म परिवर्तन की तैयारी है। धर्म जागरण मंच से नेता राजेश्वर सिंह ने इस खबर की पुष्टि की है।
आगरा में सोमवार को धर्म जागरण के बैनर के तहत ही धर्म परिवर्तन का कार्यक्रम हुआ था, जिसमें लालच और धोखे से धर्म परिवर्तन के आरोप लग चुके हैं। विवाद से आरएसएस ने ये कहते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश की है कि ये धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि घर वापसी का कार्यक्रम है।
आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा कि धर्म परिवर्तन में आरएसएस का हाथ नहीं है लेकिन आरएसएस का कई संगठन इसमें लगा हुआ है. वैद्य ने कहा कि ये धर्म परिवर्तन नहीं है सिर्फ घर वापसी है. जो लोग हिंदू से मुसलमान बनाया गया था वो लोग ग्रुप बना बनाकर इन संस्थाओं को संपर्क कर रहें हैं और हिंदू धर्म में शामिल होना चाहते हैं।
आगरा में जिनका धर्म परिवर्तन हुआ वे कह रही हैं कि वे पहले कभी हिंदू नहीं थे जबकि कराने वाले कह रहे हैं कि 25 साल पहले हिंदू थे। आगरा वाले केस में धर्म जागरण मंच के कार्यकर्ता पर धोखाधड़ी का केस भी दर्ज हुआ है। पुलिस के मुताबिक इस्माइल ने शिकायत दर्ज कराई है जिसमें आरोप लगाया है कि राशन कार्ड के बहाने धर्म बदलवा दिया। हालांकि इस्माइल कह रहा है कि उसने केस नहीं दर्ज कराया. पुलिस के सादे कागज पर दस्तखत कर दिए।
धर्म परिवर्तन के विवाद को लेकर सरकार विरोधियों के निशाने पर है। सवाल ये है कि क्या वाकई में लालच और धोखे से धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।