जबलपुर। जबलपुर से हजरत निजामुद्दीन जाने वाली गोंडवाना एक्सप्रेस में संडे को मिला विस्फोटक, देसी बम था। ये कुल 10 थे जो एक ही बैग में रखे हुए थे। शुरूआती तौर पर माना जा रहा है कि इसमें सिमी या लोकल आतंकियों का हाथ हो सकता है। फिलहाल इस मामले में कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है।
संडे को ट्रेन के एस-8 कोच की एक सीट के नीचे रखे थैले में 10 देसी बम बरामद हुए थे, ये बम 12 बोल्ट की बैटरी और मल्टीमीटर से जुड़े थे। यात्री की सूचना पर पहुंचे जीआरपी जवानों ने थैले को सुरक्षित ढंग से कोच से बाहर निकाला और फिर बमों को निष्क्रिय किया गया।
रात नौ बजे जैसे ही ट्रेन बीना के पहले मालखेड़ी स्टेशन पहुंची, वहां ट्रेन की दोबारा सर्चिग की गई। एस-8 बोगी समेत पूरी ट्रेन को जीआरपी जवानों ने डॉग स्क्वाड के साथ सर्च किया। यात्रियों और उनके सामान की भी जांच की गई। हालांकि इस दौरान ट्रेन में कुछ भी नहीं मिला।
तो उड़ जाता पूरा कोच
बम निरोधक दस्ते के प्रभारी पंकज सिंह टीम समेत लगभग साढ़े 5 बजे सिहोरा पहुंचे। टीम ने जब थैले को खोला, तो सभी के होश उड़ गए। थेले में 10 जिंदा बम रखे थे। उनके साथ दो लाइटर भी रखे थे। बम निरोधक दस्ते के अनुसार यदि थैले में कोई छेड़छाड़ करता, तो बैटरी के माध्यम से ट्रांसमीटर सक्रिय हो जाता और बम फट भी सकता था। यदि ऎसा होता, तो पूरा कोच धमाके से नष्ट हो जाता।
2 जवानों ने लगाई जान की बाजी
ट्रेन दोपहर तीन बजे जबलपुर स्टेशन से रवाना हुई थी। गोसलपुर के पास बैग की सूचना मिली। साढ़े तीन बजे सिहोरा स्टेशन पर ट्रेन रोकी गई। यात्री दहशत में थे। चीख -पुकार मच गई। यात्री ट्रेन से उतरकर इधर-उधर भागने लगे। 2 जवानों ने विस्फोटक भरे थैले को ट्रेन से बाहर निकाला और इसे स्टेशन के बाहर एक तालाब के किनारे ले जाकर रख दिया। इस तरह उन्होंने हजारों यात्रियों की जान बचाई।