उपदेश अवस्थी/भोपाल। मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान में भी पंचायत चुनावों की शुरूआत हो गई है। वहां पंचायत चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी गई है। अब संभावित प्रत्याशी फर्जी मार्कशीटों की जुगाड़ लगा रहे हैं। इसी के चलते एमपी एज्यूकेशन बोर्ड की 10वीं की फर्जी मार्कशीटों का काला कारोबार तेजी से शुरू हो गया है।
राजस्थान के करीबी शहरों रतलाम, इंदौर, उज्जैन, दाहोद, झालोद, बड़ौदा में राजस्थान के लोग सबसे ज्यादा संपर्क कर रहे हैं। यहां दलालों का बड़ा नेटवर्क सक्रिय हो गया है एवं 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक में 10वीं की फर्जी मार्कशीट बेची जा रहीं हैं। मात्र 24 घंटे में फर्जी मार्कशीट तैयार की जा रहीं हैं।
आश्चर्यजनक तो यह है कि दोनों राज्यों की पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को इस काले कारोबार की पूरी जानकारी है परंतु फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। दोनों राज्यों की सरकारी मशीनरियां शिकायतों का इंतजार कर रहीं हैं।
चुनाव आयोग भी चुप
निर्वाचन विभाग की गाइड लाइन के अनुसार अन्य राज्यों के शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों को लेकर कोई विशेष निर्देश नहीं दिए गए हैं। साथ ही दूसरे राज्यों के प्रमाण पत्र को लेकर कोई भी रोक भी नहीं लगी हुई है। ऐसे में चुनाव लड़ने के बाद या नामांकन भरने के बाद कोई आपत्ति करता है, तो बाद में ही इसकी जांच कराई जा सकती है। हालांकि प्रशासन के पास अभी ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया, जिसमें आपत्ति की गई हो।