रजिस्ट्री हुई 11 बीघा, कब्जा मिला 3 विस्वा, सराफा व्यापारी पर FIR

ग्वालियर। सराफा कारोबारी मनोज जैन एवं बाबूलाल कुशवाह के खिलाफ कोतवाली थाना में नरेन्द्र कुमार गुप्ता की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। दोनों पर आरोप है कि 11 बीघा जमींन की रजिस्ट्री 10 लाख में की थी, परंतु मौके पर जमींन 3 विस्वा ही निकली। सौदे में दलाल जहार सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।

टीआई कोतवाली सतीषचन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि सौदा तय होने के बाद जमींन मालिक बाबूलाल कुषवाह, मनोज जैन व जहार सिंह ने मुरैना जिले के रजिस्ट्रार को सराफा बाजार ग्वालियर की दुकान पर बुलाकर रजिस्ट्री करा दी। मुरैना नामांतरण के लिये आवेदन करने पर पता चला कि बाबूलाल के नाम महज 3 विस्वा जमींन हैं, मनोज जैन पहले भी करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है।

ग्वालियर जिले की चार सहकारी समितियों में करोड़ों का घोटाला

ग्वालियर। भितरवार में जिला सहकारी बैंक ग्वालियर से संबंध चार साख सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने धान खरीदी में डेढ़ करोड़ रूपये से अधिक के घोटाले को अंजाम दिया है। समिति पर धान खरीदी नहीं की गई, लेकिन उस धान का बैंक से पैसा आहरण कर लिया। इस घोटाले में समिति प्रबंधक से लेकर जिला सहकारी बैंक के षाखा प्रबंधक लिप्त हैं। बैंक ने 3 जनवरी को एफआईआर के लिये भितरवार थाने में आवेदन दिया है, लेकिन थाने में करोड़ों के घोटाले के आवेदन को राजनैतिक प्रभाव में दबा रखा है। एफआईआर कराकर बैंक रूपयों को कर्मचारी व किसानों से बसूलना चाहती है। वर्श 2013-14 की धान खरीदी की जांच में भी फर्जी भुगतान के केस सामने आये हैं, जिन कर्मचारियों ने घोटाले को अंजाम दिया है। वे अभी भी समिति व बैंक में काम कर रहे हैं, सिर्फ षाखा प्रबंधक मुकेष माथुर 7 लाख के गवन में निलंबित चल रहे हैं। गड़ाजर साख सहकारी समिति पर 1 करोड़ 7 लाख 22 हजार 824 का घोटाला हुआ है। समिति प्रबंधक जमुना प्रसाद श्रीवास्तव, पर्यवेक्षक परमानंद षर्मा और बैंक षाखा प्रबंधक मुकेष माथुर षामिल हैं। डबरा षाखा से 46 किसानों को फर्जी भुगतान किया गया। भितरवार के षाखा प्रबंधक ने डबरा से भुगतान करा दिया। बिना आॅन लाइन रजिस्टेªषन के किसानों की धान खरीदी दिखाकर भुगतान करा दिया। इसी प्रकार साख सहकारी समिति हरसी पर 18 लाख 71 हजार एवं मस्तूरा साख सहकारी समिति पर 12 लाख रूपये की गड़बड़ी की गई व भितरवार साख सहकारी समिति से 29 लाख 20 हजार का फर्जी भुगतान कराया गया।

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