1968 में बनी थी प्लानिंग, आज तक अपडेट नहीं हुई

अमित शर्मा/झाबुआ। झाबुआ में पेयजल वितरण की प्लानिंग 1968 में बनाई गई थी, तब आबादी 5000 मात्र थी। अब वर्ष 2015 चल रहा है, आबादी 10 गुना बढ़ गई लेकिन पेयजल सप्लाई की प्लानिंग आज तक अपडेट नहीं हुई।

आप चाहें जनप्रतिनिधियों को कोसें या मप्र शासन के अधिकारियों पर लानत भेजें परंतु जमीनी हकीकत यही है कि यहां भरी सर्दी में भी पेयजल संकट विद्यमान है।

झाबुआ नगर में वर्तमान पेयजल योजना पीएचई के माध्यम से संचालित हो रही है उसको लगभग 48 वर्ष पूर्ण होने आ रहे है। उक्त योजना 1968 में बनी थी जब झाबुआ नगर की आबादी मात्र 5 हजार में सिमटी हुई थी आबादी का क्षैत्रफल भी सीमित था। परंतु वर्तमान में 2011 की जनगणनानुसार नगर की आबादी 35 के आकडे को भी पार कर गई है और नगर का आबादी क्षैत्र कई नई कॉलोनियों के बन जाने से फैल गया है। नगर की कई नई आबादियों में भारी जलसंकट से वहां के रहवासी जूझते हुए नजर आ रहे हैं, तो कमोबेश यह स्थिति शहरी क्षैत्र की भी है जहां पीएचई द्वारा 5 -5 दिन के अंतराल में नगर की जनता को पेयजल सप्लाय किया जा रहा है।

हाल ही में दूरसंचार विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से नगर के पॉश इलाकों में शुमार गोपाल कॉलोनी एवं मोजीपाडा क्षैत्रों में नई तकनीकि से बीएसएनएल की केबल बिछाने का काम चल रहा है जिसके कारण उक्त क्षैत्र में वर्षो पुुरानी मुख्य पेयजल वितरण की पाईप लाईन कई स्थानों पर टूट गई है जिससे गोपाल कॉलोनी एवं मोजीपाडा तथा रातितलाई सहित अन्य क्षैत्रों में भारी जलसंकट पैदा हो गया।

इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि पीएचई सब डिवीजन झाबुआ के अंतर्गन नगर की पेयजल व्यवस्था को संचालित किया जा रहा है शासन के निर्देशानुसार पीएचई एसडीओ झाबुआ के वित्तीय अधिकारी छीन लिये जाने के कारण वे नगर में पेयजल सप्लाय की पाईपलाईनों की मरम्मत कराने के लिये भी सक्षम नही है क्योंकि मजदूरों को भुगतान वे कहां से देंगे। इस कारण उक्त टूटी फूटी पाईप लाईनें मरम्मत कराने में भी विलंब हो रहा है। तो दूसरी और नगर में कृत्रिम पेयजल का आभाव इसलिये भी देखा जा रहा है कि राज्य शासन ने झाबुआ नगरपालिका को 35 करोड रूपये नवीन पेयजल योजना को प्रारंभ करने हेतु आवंटित कर दिये है परंतु अभी तक बजट आ जाने के बाद भी नगरपालिका नवीन पेयजल योजना की सौगात झाबुआ की जनता को नही दे पा रही है।

उसके पीछे कारण यह दर्शाया जा रहा है कि पीएचई द्वारा संचालित पेयजल योजना अभी नगरपालिका अपने अधिकार में नही ले रही है। इसलिये भी यह समस्या नगरवासियों के सामने खडी हो गई है। नपा के सूत्र बताते है कि नवीन पेयजल योजना हेतु उन्होंने 2 - 3 बार निविदाएं आमंत्रित की थी परंतु राज्य षासन ने उक्त निविदा में तकनीकि त्रुटि पाये जाने के कारण निरस्त कर दी थी। इसलिये अब नपा प्रशासन नये सिरे से नवीन पेयजल योजना को नगर में लागू करने हेतु कसरत करने में लगा है, जब तक जनता को करना होगा इंतजार।

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