नयी दिल्ली। अब से बीएड और एमएड की पढ़ाई दो साल की होगी. इसके अलावा बीए और बीएड के लिए चार वर्षीय एक समन्वित पाठ्यक्रम 12वीं कक्षा के ठीक बाद शुरू किया जाएगा, ताकि इस पेशे में कम उम्र से ही मेधावी लोगों को आकषिर्त किया जा सके.
यहां राज्य के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में स्कूल शिक्षा सचिव वृंदा सरूप ने यह कहा. वहीं, प्राइमरी स्कूल शिक्षक बनने की चाह रखने वाले 12वीं कक्षा के बाद शिक्षण पाठ्यक्रम में दो वर्षीय डिप्लोमा कर सकते हैं.
खुला (ओपेन) और दूर शिक्षा के तहत होने वाली एमएड की पढ़ाई समाप्त कर दी गई है. उन्होंने बताया कि योग, सूचना एवं सचार प्रौद्योगिकी, लैंगिक एवं विशेष जरूरतों वाले बच्चों से जुड़े विषय सभी शिक्षक शिक्षण कार्यक्रम में शामिल किए गए हैं.
सचिव ने बताया कि संशोधित बीएड कार्यक्रम में कम से कम 20 हफ्ते का क्लासरूम शिक्षण अनुभव लेना होगा ताकि बेहतर योग्य शिक्षक तैयार हो सकें. तीन साल का बीएड और एमएड समन्वित पाठ्यक्रम पहले की तरह जारी रहेगा.