भोपाल। मप्र कांग्रेस में इन दिनों हाहाकार मचा हुआ है। टिकिट वितरण हुई मनमानी के खिलाफ ना केवल जमीनी कार्यकर्ता हैं बल्कि वरिष्ठ नेता भी अब खुलकर सामने आने लगे हैं। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष के अलावा 21 जिलाध्यक्ष भी ऐसे हैं जिन्होंने अरुण यादव पर मनमानी का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा टिकिट की लाइन में लगे कई प्रत्याशी बागी हो चुके हैं सो अलग। स्थिति यह बन गई है कि अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागण भी अजय सिंह के खिलाफ खड़े होते जा रहे हैं।
टिकट वितरण से खफा होकर अल्पसंख्यक विभाग के राज्य समन्वयक मोहम्मद सलीम, एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष विपिन वानखेड़े सहित 21 जिलाध्यक्ष इस्तीफा दे चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस ने इन्हें मान्य करने की घोषणा की है, जबकि संबंधित संगठन इंकार कर चुके हैं।
इससे असमंजस और बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से नाराज नेताओं को मनाने की कोई कोशिश भी नहीं हो रही है जबकि, निगम चुनाव सिर पर हैं और भाजपा एक-एक खफा नेता को मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
यही वजह है कि शहर में कांग्रेस प्रत्याशियों का प्रचार नजर तक नहीं आ रहा है। जिन नेताओं ने अपने समर्थकों को टिकट दिलाई वे भी अभी सक्रिय नहीं हुए हैं। उधर, टिकट प्रक्रिया से दूर रहे पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए मीडिया से चर्चा में कहा कि जो उठापटक मची हुई है वो दुर्भाग्यपूर्ण है।
यदि कुछ वरिष्ठ नेताओं को लेकर प्रदेश अध्यक्ष बात करते तो ये स्थिति नहीं आती। एक सवाल के जवाब में कहा कि विद्रोह की स्थिति हर बार टिकट वितरण के बाद पैदा होती है पर ये कांग्रेस के लिए खतरनाक है। टिकट में कोटा चलने पर उन्होंने कहा कि ये तो केन्द्रीय संगठन को तय करना होगा कि क्षत्रप के हिसाब से चलना है या कार्यकर्ताओं के।
कैलाश की चुनावी जमावट में जुटे यादव
परिवार में गमी के बाद भोपाल लौटे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव घर से पहले भोपाल के महापौर प्रत्याशी कैलाश मिश्रा के चुनाव की जमावट के लिए उनके निवास पहुंच गए। यहां करीब तीन घंटे वार्डवार स्थितियों का आकलन किया गया और प्रचार अभियान की रणनीति पर बात की गई। बागी उम्मीदवारों के साथ नाराज नेताओं को रास्ते पर लाने के मुद्दे पर भी विचार किया गया। बताया जा रहा है कि मिश्रा 15 तारीख से धुआंधार प्रचार अभियान छेड़ेंगे।
टिकिट वितरण से पहले सलाह ले लेते तो अच्छा होता
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है कि यदि टिकिट वितरण से पहले वरिष्ठ नेताओं से सलाह ले ली जाती तो अच्छा होता और कम से कम ये स्थिति तो नहीं बनती।