भिंड। जनपद पंचायतों के माध्यम से वर्ष 2006, 2009 और 2011 में हुई संविदा शिक्षक भर्ती की जांच के लिए रिकॉर्ड ही नहीं मिल रहे हैं। एडीएम पीके श्रीवास्तव का कहना है अटेर और मेहगांव जनपद का रिकॉर्ड नहीं मिला है। प्रशासन ने अब उन 27 शिक्षकों को दोबारा से नोटिस जारी किए हैं, जिनपर तत्कालील कलेक्टर एमसिबि चक्रवर्ती के समय कार्रवाई लगभग तय हो चुकी थी। एडीएम के मुताबिक 10 फरवरी को शिक्षक कलेक्टर मधुकर आग्नेय के सामने अपना पक्ष रखेंगे। यह शिक्षक अगर अब भी मार्क्सशीट नहीं दिखा पाए तो बर्खास्तगी की कार्रवाई होगी।
यह है पूरा मामला
तत्कालीन कलेक्टर एमसिबि चक्रवर्ती के पास 3 फरवरी 2014 को शिकायत आई कि डाइट में वे शिक्षक डीएड कर रहे हैं, जिन्हें भर्ती के समय डीएड के अंक से नौकरी मिली थी। शिकायत के बाद श्री चक्रवर्ती ने डाइट से रिकॉर्ड जब्त कराया था और 7 फरवरी को एडीएम पीके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जांच टीम गठित कर दी थी। जांच के दौरान टीम ने 2006, 2009 और 2011 में भिंड जिले की सभी जनपद पंचायतों में हुई संविदा शिक्षक भर्ती की जांच की, लेकिन श्री चक्रवर्ती के तबादले के बाद जांच नतीजे तक नहीं पहुंची।
अटेर और मेहगांव जनपद से भर्ती के संबंध में रिकॉर्ड मिला नहीं है। 27 शिक्षकों को नोटिस देकर 10 फरवरी को बुलाया है। सुनवाई के बाद इन पर कार्रवाई तय की जाएगी। पूर्व में इनमें से कई तो मार्क्सशीट भी नहीं दिखा पाए थे।
पीके श्रीवास्तव, एडीएम, भिंड