डॉ.नवीन जोशी/भोपाल। अब प्रदेश में निजी नर्सिंग होम खोलने वालने या पहले से संचालित करने वाले नर्सिंग होम्स के संचालकों को नया लायसेंस पाने या उसका नवीनकरण कराने हेतु सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। राज्य सरकार ने लोक सेवा गारंटी कानून के तहत स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं के अंतर्गत इस संबंध में नया प्रावधान कर दिया है।
नवीन प्रावधान के अनुसार, अब प्रदेश में संचालित निजी नर्सिंग होम्स के रजिस्ट्रीकरण एवं लायसेंस हेतु सम्बन्धित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवेदन करना होगा जो लोक सेवा गारंटी के तहत 30 दिन के अंदर यह अनुमति प्रदान करेगा। यदि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तीस कार्य दिवस में यह रजिस्ट्रीकरण एवं लायसेंस प्रदान नहीं करता है तो फिर संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें के समक्ष आवेदन किया जा सकेगा जिसे पन्द्रह कार्य दिवस के अंदर यह रजिस्ट्रीकरण करना होगा एवं लायसेंस देना होगा।
ऐसा ही प्रक्रिया इन निजी नर्सिंग होम्स के रजिस्ट्रीकरण एवं लायसेंस के नवीनीकरण हेतु भी अपनाई जा सकेगी और इतनी ही अवधि में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अथवा संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें को नवीनीकरण सम्बन्धी आवेदन का निपटारा करना होगा।
इसके अलावा अब मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के प्रकरण स्वीकृत करने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को 20 कार्य दिवस का तथा जिला कलेक्टर को द्वितीय अपील के तहत पन्द्रह कार्य दिवस का समय देने का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार अब औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली 1945 के नियम 59 का उपनियम 1 के अंतर्गत संबंधित जिले के लायसेंसी प्राधिकारी द्वारा औषधि विक्रय करने का लायसेंस लेने हेतु संबंधित जिले के लायसेंसी प्राधिकारी कार्यालय उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन मप्र को आवेदन करना होगा जिसे लोक सेवा गारंटी के तहत 30 कार्य दिवस में यह लायसेंस देना होगा और यदि इस निर्धारित अवधि में वह लायसेंस नहीं देता है तो नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन मप्र को आवेदन करना होगा जो पन्द्रह कार्य दिवस में यह लायसेंस प्रदान करेगा।