9 साल बाद भी बिजली चोरी का आरोप साबित नहीं कर पाई कंपनी

ग्वालियर। बिजली कंपनी सतर्कता विभाग द्वारा मनमाने ढंग से प्रकरण दर्ज कर लोगों को बिजली चोर बना दिया जाता है। नौ साल बाद भी बिजली कंपनी द्वारा न्यायालय में बिजली चोरी का आरोप सिद्ध नहीं कर सकी। विशेष न्यायाधीश एचके कौशिक ने नौ साल पुराने बिजली चोरी के मामले में बिजली कंपनी द्वारा बिजली मीटरों की सीलों को टेम्पर्ड कर बिजली चोरी का आरोप प्रमाणित नहीं कर पाने पर आरोपी भूषण शर्मा निवासी माधवगंज को आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।

बिजली कंपनी ने शर्मा पर 15730 रूपये की बिजली चोरी का आरोप लगाया था। बिजली कंपनी के एसई सर्तकता बिजलेंस एचएस गुप्ता ईई बिजलेंस एसके जैन, कनिष्ठ यंत्री राजीव गुप्ता एवं निरीक्षण दल ने 11 दिसम्बर 2006 को आरोपी के परिसर का निरीक्षण करते हुये बिजली चोरी का प्रकरण बनाया था। बिजली कंपनी ने आरोपी को निरीक्षण के बाद 15730 रूपये तथा समझौता राशि 4000 रूपये का अंतिम निर्धारण आदेश बिल प्रदान किया था, इस राशि का भुगतान नहीं करने पर परिवाद प्रस्तुत किया था। फैसला सुनाते हुये विशेष न्यायाधीश एचके कौषिक ने कहा कि आरोपी शर्मा के खिलाफ बिजली कंपनी, बिजली चोरी का आरोप प्रमाणित नहीं कर पाई लिहाजा आरोपी को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135(1) (ख) के अपराध से दोषमुक्त किया गया।

अकबर ने मारी बड़े भाई निजाम को कट्टे से गोली
ग्वालियर। भितरवार थाना अंतर्गत मुख्य तिराहे पर दिन दहाड़े कपड़े की दुकान के संचालक निजाम खांन को उसके छोटे भाई अकबर ने बाइक से आकर कट्टे से फायर कर दिया, गोली से निकले छर्रे निजाम को लगे उसके बाद भीड़ ने पकड़कर कट्टा छीन लिया और मोटर साइकिल छोड़कर भाग गया। पुलिस ने निजाम को अस्पताल में भर्ती कराया। कुछ दिन पूर्व अकबर द्वारा अपनी पत्नी से मारपीट करने पर पत्नी ने रिपोर्ट की थी, उसके साथ निजाम थाने गया था इस बात पर नाराज होकर छोटे भाई ने बड़े भाई पर गोली चला दी।

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