रेल में बम: अपने ही दावे से मुकर क्यों रहे हैं ADG

भोपाल। ADG स्तर का अधिकारी कोई बचकानी हरकत नहीं कर सकता, परंतु ADG रेल ने ऐसा ही किया है। पहले गोंडवाना एक्सप्रेस में बम होने की खबर फैलाई और अब अपने ही दावे से मुकरते हुए कह रहे हैं कि वो तो सुतली बम थे। सवाल यह है कि ADG अपने ही दावे से मुकर क्यों रहे हैं, इसके पीछे की परतों को तलाशना बहुत जरूरी है।

मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। रविवार(11 जनवरी) रात जबलपुर-निजामुद्दीन एक्सप्रेस(22181) की S-8 बोगी में बम मिलने की सूचना पुलिस की ओर से ही दी गई थी। बताया गया था कि उसे रिफ्यूज कर दिया गया है और यात्री सुरक्षित हैं। इसके बाद इसी ट्रेन की एक बार और तलाशी ली गई ताकि कहीं कोई चूक ना हो जाए।

माना जा रहा है कि, सिमी आतंकवादी किसी बड़े षड्यंत्र में इसका इस्तेमाल करने वाले थे, लेकिन अब एडीजी रेल का कहना है कि, वह एक सुतली बम था। सवाल यह उठता है कि ADG स्तर का अधिकारी ऐसा बयान क्यों दे रहा है। दरअसल, सारे अधिकारी मान चुके हैं कि, मप्र से एक बड़ा खतरा टल चुका है।

सवाल उठ रहा है कि जब ट्रेन में सुतली बम था, तो फिर एटीएस के आईजी संजीव शमी को जबलपुर उसकी जांच के लिए क्यों जाना पड़ा और उसमें मल्टीमीटर और बैटरी क्या कर रही थी? ADG के बयान के बाद तो अब यह संदेह भी होने लगा है कि इसमें कोई हाईप्रोफाइल नेटवर्क शामिल है और मामले को दबाने के लिए इस तरह की बयानबाजी करवाई जा रही है, ताकि जांच आगे ना बड़े, यही पर खत्म हो जाए।

संदेह जताया जा रहा है कि इस घटना में सिमी का हाथ है। सिमी के 2 कार्यकर्ता इन देसी बमों से ट्रेन में धमाका करने वाले थे, ताकि मध्यप्रदेश सरकार पर दबाव बनाया जा सके और फिर इसी दबाव का लाभ उठाते हुए मध्यप्रदेश की जेलों में बंद सिमी आतंकवादियों की जमानत करवाई जा सके, या फिर जेल से फरारी।

कैसे मिले विस्फोटक
रविवार शाम 4 बजे गोंडवाना एक्सप्रेस जबलपुर से हजरत निजामुद्दीन के लिए चली। जबलपुर से ट्रेन का चलने का समय 3 बजे है लेकिन इस दिन यह थोड़ी लेट थी। शाम साढ़े चार बजे के करीब ट्रेन 35 किमी दूर सिहोरा स्टेशन पर रुकी। कोच एस 8 में जब इसका कोई मालिक नहीं दिखा तो जीआरपी को सूचना दी गई। आगे जाकर किथौला पर पुलिस चौकी के पास ट्रेन को रोका गया और लावारिस बैग को ले जाकर थाने में रख दिया गया।

4 घंटे तक थाने में रखा रहा बैग
इसके बाद बैग को थाने में रखा गया और बम स्क्वायड को सूचना दी गई। रात 8 बजे टीम थाने पहुंची और बैग को खोल के देखा। तब जाकर पता चला कि बैग में तो विस्फोटक है। बैग के अंदर से 10 देसी बम, एक मल्टीमीटर और दो बैटरी निकली। इसके बाद आनन-फानन में इसकी सूचना भोपाल तक पहुंची और तुरंत गोंडवाना एक्सप्रेस की जांच की गई। तब तक ट्रेन बीना के मालीखेड़ी स्टेशन पहुंच चुकी थी। वहीं ट्रेन की फिर से जांच हुई लेकिन जांच में फिर कुछ निकला नहीं। यात्रियों से पूछताछ की तो सामने आया कि 2 युवक जबलपुर में चढ़े थे और ये बोलकर उतर गए कि हमारे और साथी आने वाले हैँ। इस आधार पर दो युवकों के स्केच बनाए गए हैँ।

अब तलाशे जा रहे हैं सूत्र
बैग में वैसे तो ज्यादा घातक बम नहीं मिला लेकिन सुतली बम के साथ मल्टीमीटर और बैटरी मिलने के साथ मामला गंभीर हो जाता है। एटीएस की टीम जबलपुर पहुंच चुकी है जो बम के बारे में ज्यादा पता कर रही है। इंटेलीजेंस रिपोर्ट के अनुसार जबलपुर पहले से ही सिमी का गढ़ रहा है और यहां सेना का आयुध कारखाना भी है। जबलपुर स्टेशन पर सीसीटीवी फुटेज भी तलाशे जा रहे हैं जिससे पता लगे कि ट्रेन में बैग लेकर कौन चढ़ा था। जबलपुर एसपी हरिनारायण मिश्रा कह रहे हैं कि डरने की कोई बात नहीं है। बैग में तो दीवाली पर चलाने वाले पटाखे रखे थे जो हमने बरामद कर लिए। इस केस की इन्वेस्टिगेशन जीआरपी कर रही है इसलिए हमारी भूमिका कुछ ज्यादा नहीं है।

दीवाली के पटाखे निकले हैं
बैग में दीवाली पर चलाने वाले पटाखे निकले थे जिन्हें जब्त कर लिया गया है। इन्वेस्टिगेशन जीआरपी पुलिस कर रही है।
हरिनारायण मिश्रा, एसपी, जबलपुर

कैसे हिला प्रदेश विस्फोटक मिलने से
जबलपुर-निजामुद्दीन एक्सप्रेस (22181) की एस-8 बोगी में रविवार रात बम मिलने से सनसनी फैल गई। बम बोगी की 14 नंबर बर्थ के नीचे एक काले रंग के बैग में रखा था। एक यात्री ने लावारिस बैग की सूचना जीआरपी को दी। सिहोरा रोड स्टेशन पर बैग चेक किया गया तो उसमें बम रखा मिला, जो एक मल्टी मीटर से जुड़ा था।

सिहोरा रोड से आगे जब ट्रेन के कटनी पहुंची तो वहां कोच की चेकिंग की गई। वहां पॉलीथिन में कुछ कागज मिले। इनमें विजिटिंग कार्ड, ट्रैवल्स कंपनी के बिल सहित अन्य कागजात थे। ये कागजात बिहार के मोतिहारी, पूर्णिया एवं धनबाद के पतों के थे। संदेह के आधार पर पुलिस ने इन्हें जब्त कर लिया है।

हो सकता है देश में बड़ा हमला
मध्य प्रदेश में खंडवा की जेल से भागे सिमी के छह आतंकी बड़े हमले की तैयारी में हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने इसके लिए पूरे देश में सभी राज्यों को अलर्ट किया है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार फिलहाल इन आतंकियों के कर्नाटक में कहीं छिपे होने की आशंका है। वे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में हैं और उसके निर्देश पर देश में बड़े आतंकी हमले की तैयारी में जुटे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने खासतौर पर राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु को विशेष सतर्कता बरतने को कहा है।

गौरतलब है कि पिछले साल एक अक्टूबर को खंडवा जेल से फरार सिमी के छह आतंकियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। फरारी के बाद से वे एक के बाद एक वारदात करते जा रहे हैं। इस साल एक फरवरी को तेलंगाना के करीम नगर में बैंक से 46 लाख रुपये की लूट में इन आतंकियों के शामिल होने के ठोस सबूत मिल चुके हैं।

जेल से भागे सिमी के आतंकी एक महीने के भीतर देश में हमला कर सकते हैं। इन हमलों में सिमी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मदद कर सकती है। खुफिया एजेंसी को सिमी आतंकियों की बातचीत की पड़ताल से यह खुलासा हुआ है।

मध्यप्रदेश के खंडवा जेल से फरार होने के बाद बिजनौर जिले में पनाह लेने वाले सिमी आतंकी यूपी पुलिस के अलावा केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी मुसीबत का सबब बने हुए हैं।

ये सभी आतंकी पेशेवर अपराधी भी हैं जिसकी वजह से उनके द्वारा कभी भी कोई बड़ी वारदात को अंजाम देने की आशंका बनी हुई है। यूपी एटीएस, एनआईए, मध्य प्रदेश व राजस्थान पुलिस की टीमें इन आतंकियों को तलाश करने में अपनी पूरी ताकत झोंक चुकी हैं लेकिन उनका अब तक कोई पता नहीं चला है।

भोपाल सेंट्रल जेल में बंद हैं 28 सिमी आतंकी
भोपाल की सेंट्रल जेल में सिमी के 28 आतंकवादी बंद हैं, जो पाकिस्तान के पेशावर स्थित आर्मी स्कूल के बच्चों पर हमला करने वाले आतंकी संगठन तालिबान के समर्थक हैं। लिहाजा; अब इनकी निगरानी और कड़ी कर दी गई है।

16 दिसंबर, 2014; पाकिस्तान के पेशावर स्थित आर्मी स्कूल के बच्चों पर हुए तालिबानी हमले के बाद भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद 28 सिमी आतंकवादियों की निगरानी और बढ़ा दी गई है। इन सिमी आतंकवादियों ने 17 मई को भोपाल की कोर्ट में तालिबान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। इन आतंकवादियों को अब अलग-अलग ग्रुप में बांटकर बैरक में रखा गया है। उनसे मिलने-जुलने पर भी सख्ती बरती जा रही है। इन पर कड़ी नजर रखने के लिए 41 कैमरे लगाए गए हैं।

भोपाल कोर्ट में लगाए थे तालिबान जिंदाबाद के नारे...
यह इसी 17 मई की बात है। भोपाल जिला कोर्ट में पेशी के बाद जब अबू फैजल और इरफान नागौरी सहित दर्जनभर आतंकवादियों को वापस जेल ले जाया जा रहा था, तभी उन्होंने 'तालिबान जिंदाबाद' के नारे लगाना शुरू कर दिए। उन्होंने नरेंद्र मोदी की हत्या की धमकी भी दी थी।

खंडवा जेल ब्रेक कर चुका है अबू फैजल...
1 अक्टूबर 2013 को खंडवा जेल से आधा दर्जन सिमी आतंकी भाग गए थे। उनमें से एक आबिद मिर्जा को कुछ घंटे बाद ही पकड़ कर लिया गया था। वहीं अबु फैजल दो महीने बाद गिरफ्त में आया था। ये आतंकवादी 28 नवंबर 2009 को आतंकवादी विरोधी दस्ता ATS के एक जवान सहित तीन लोगों की हत्या के आरोप में पकड़े गए थे।

मूलत: मुंबई का रहने वाला अबू फैजल अब भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद है। खंडवा जेल की घटना के बाद प्रदेश सरकार ने ग्वालियर, बड़वानी, खंडवा आदि जेलों में बंद इन आतंकवादियों को भोपाल की सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया था। इन आतंकवादियों पर नजर रखने जेल में 41 कैमरे लगाए गए हैं। कैमरों की मानिटरिंग 4 जगह से हो रही है। 2 लाइव डिस्प्ले उप अधीक्षक जेल, एक कंट्रोल रूम में और एक डिस्प्ले जेल अधीक्षक के आफिस में लगा है। आतंकवादियों की रोजाना तलाशी भी की जाने लगी है।

दरअसल, अक्टूबर 2013 में मध्य प्रदेश की खंडवा जेल से सिमी के सात सदस्य फरार हो गये थे। इनमें से एक अबू फैजल उर्फ डाक्टर को मध्य प्रदेश पुलिस ने दिसम्बर 2013 में दबोच लिया था जबकि छह अन्य शेख महबूब, मोहम्मद एजाजुद्दीन, जाकिर, आबिद मिर्जा, अमजद खान उर्फ दाउद व असलम अभी तक सुरक्षा एजेंसियों के हाथ नहीं लग सके हैं।

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