टीकमगढ़। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में पंचायत चुनाव के पहले चरण के 13 जनवरी को हुए मतदान में निवाडी जनपद के कई मतदान केन्द्रों पर हुई हिंसा के बाद विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने जिला कलेक्टर केदार शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राज्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह राजपूत ने राजापुर में हुई हिंसा के लिये जिला कलेक्टर केदार शर्मा को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि संघ द्वारा छह जनवरी को जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन देकर सरपंच और पंच के चुनाव की मतगणना ब्लाक स्तर पर कराये जाने की मांग की गई थी लेकिन उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसका नतीजा राजापुर में हिंसा के रूप में हुआ।
उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी को राजापुर में पंच चुनाव की मतगणना गांव में ही कराये जाने की मांग को लेकर सैकड़ों लोगों की भीड़ ने मतदान दल की बस को न केवल बंधक बना लिया था बल्कि भीड़ द्वारा किये गये पथराव में निवाडी के पुलिस अनुविभागीय अधिकारी आर.के. सिजोरिया, प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश विदुआ तथा अनुविभागीय दंडाधिकारी अतेन्द्र सिंह गुर्जर गंभीर रूप से घायल हो गये थे। राजपूत ने बताया कि जिले के अन्य कर्मचारी संगठनों शिक्षक कांग्रेस, जिला शिक्षक संघ तथा अजाक्स समेत दर्जन भर कर्मचारी संगठनों की सहमति से बुधवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त आर. परशुराम को एक ज्ञापन देकर अगले दो चरणों के पंचायत चुनाव में मतों की गणना ब्लाक स्तर पर किये जाने की मांग की गई है।
राजपूत ने कहा कि कलेक्टर की कर्मचारी विरोधी कार्यशैली एवं हिटलरवादी रवैये के कारण तमाम अधिकारी एवं कर्मचारी परेशान हैं। यह पहली बार नहीं है जब जिले के कर्मचारियों ने कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोला हो। इससे पहले दिगोडा के नायब तहसीलदार अनिल गुप्ता ने जिला कलेक्टर पर भ्रष्ट और निरंकुश होने का आरोप लगाते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसी प्रकार जतारा के अनुविभागीय दंडाधिकारी एस.एन. ब्रम्हे ने शासन को लिखे पत्र में कलेक्टर पर भ्रष्टाचार और जिले में कानून व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए उनके साथ काम करने में असमर्थता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि कलेक्टर की अक्षमता और दिगोडा से नायब तहसीलदार कार्यालय हटाने के गलत निर्णय के कारण ही वहां कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी थी। इस मामले में जब जिला कलेक्टर से संपर्क साधने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कुछ भी प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार कर दिया।