भोपाल। हजारों करोड़ के एक कथित जमीन घोटाले की जांच प्रक्रिया में पूरे सिंधिया परिवार को नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें राजस्थान सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया, केबीनेट मंत्री मप्र यशोधरा राजे सिंधिया, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत परिवार के सभी 6 सदस्य शामिल हैं।
हजारों करोड़ की संपत्ति वाले इस क्षेत्र में अब तक संपत्तियों के मालिकान का निर्धारण नहीं हो पाया है। अगर सिंधिया परिवार के हाई प्रोफाइल सदस्यों से 1959 से पहले का संपत्तियों का रिकॉर्ड नहीं मिला तो जिला प्रशासन इस क्षेत्र को सरकारी संपत्ति घोषित कर सकता है।
शहर के बीच स्थित जयविलास परिक्षेत्र में पांच पॉश कॉलोनी बसंत विहार, विवेक विहार, माधव नगर, विजयानगर, चेतकपुरी बसी हैं।
इस परिक्षेत्र में फूलबाग क्षेत्र, चिड़ियाघर, डीडी मॉल जैसी शासकीय और वाणिज्यिक संपत्तियां भी हैं। पिछले दो सालों में इसका राजस्व रिकॉर्ड तैयार करने पर काम हुआ है। प्रॉपर्टी कारोबारियों के अनुसार, इसमें बसी कॉलोनियों में सात हजार रुपये प्रति वर्गफीट का रेट है।
नहीं मिले पुराने दस्तावेज
राजस्व रिकॉर्ड तैयार करने के लिए जिला प्रशासन ने पहले अपने रिकॉर्ड खंगाले, लेकिन कुछ नहीं मिला। फिर राजस्व अमला इस क्षेत्र में स्थित संपत्ति स्वामियों के पास पहुंचा। इनके पास रजिस्ट्रयों के अलावा कुछ नहीं मिला।
राजस्व अभिलेख तैयार करने के लिए भू-राजस्व संहिता के बनने से पहले यानी 1959 से पहले संपत्तियों की स्थितियों का आकलन करना होगा। ऐसे में प्रशासन की आस अब सिर्फ सिंधिया परिवार पर टिकी है।
एसएलआर ग्वालियर आरएस प्रजापति ने बताया कि दो दिन पहले सिंधिया परिवार के छह सदस्यों के नाम नोटिस भेजे हैं। कलक्टर पी नरहरि ने बताया कि जयविलास परिक्षेत्र का राजस्व रिकॉर्ड तैयार करने सिंधिया परिवार से 1959 से पूर्व के अभिलेख मांगे गए हैं।