राजेश शुक्ला/अनूपपुर। वरिष्ठ अधिकारियों की बेवकूफी के चलते अमरकंटक की ताप विद्युत गृह की एक यूनिट जलकर पूरी तरह से खाक हो गई। इस घटना में सरकार का करोड़ों रुपया बर्बाद हो गया और अब इस यूनिट से बिजली उत्पादन की सभी संभावनाएं भी समाप्त हो गईं। अब शायद ही यह कभी वापस चालू हो पाए।
लंबे समय से मेन्टेनेेंस की बाट जोह रहे जिले के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई की तीन नंबर ईकाई गत रविवार की रात लगभग साढे बारह बजे पूरी तरह से जलकर खाक हो गई है। इस ईकाई के साथ लगे अन्य संयंत्रो को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इस ईकाई में आग लगने का कारण टरबाईन में लगे नाईट्रोजन सिलेण्डर के फटने से बताया जा रहा है। इस भीषण हादसे के बाद ईकाई की टरबाईन एक्साईटर, जनरेटर एवं रोटर वायरिंग गेयर पूरी तरह से जल कर खाक हो गये है।
120 मेगावाट की 3 नं. यूनिट काफी पुरानी थी और अपनी कार्य अवधि पूर्ण कर चुकी थी परन्तु इस यूनिट को जबरन किसी तरह चलाया जा रहा था जिसमें पूर्व में भी टरबाईन में बाईब्रेसन, आग लिकेज, रिसाव होने की समस्याऐ सामने आ चुकी थी और इतना ही नही पिछले 20 दिनो से इस ईकाई के टरबाईन के बैरिेंग में बाईब्रेशन बना हुआ था जिसकी सूचना संबंधित कर्मचारियो द्वारा अधिकारियो को दी गई थी परन्तु कहीं न कहीं हुई इस बडी लापरवाही के कारण इस ईकाई पर जहां ग्रहण लग गया वही अब भविष्य में यह ईकाई शायद कभी न चालू हो पायेगी। इस ईकाई में कार्यरत हजारों मजदूरों व ठेकेदारो का भविष्य भी अन्धकारमय हो चला है। हादसे के तुरंत बाद फायर ब्रिगेड समेत दमकल बुला कर 5 घंटे में भीषण आग पर काबू पाया गया जिसमे किसी की जनहानि होने की कोई खबर नही है। इस पूरे मामले मे यहां के अधिकारी कर्मचारी कुछ भी कह पाने की स्थिति में नही है। अनुमान यह लगाया जा रहा है कि ताप विद्युत गृह चचाई को करोडो का नुकसान हुआ होगा।
जानकार सूत्रो के अनुसार क्षतिग्रस्त टरबाइन का पैरामीटर वायब्रेशन इक्यूसिटी लिमिट से ज्यादा चल रहा था और पिछले कई महीनो से पैरामीटर के हाई होने की शिकायत संयंत्र पर्येक्षकों द्वारा उच्चाधिकारियों को लिखित मे दिया जा चुका था। बाजूद इसके द्यिुत उत्पादन के टारगेट के दबा मे अधिकारी इस बडी तकनीकी खराबी को नजर अंदाज कर रहे थे। इस बडी लापराही का खामियाजा १२० मेगाॉट इकाई ने भुगता और आज एक पूरी इकाई नष्ट हो चुकी है। द्यिुत मण्डल को करोडो का नुकसान हुआ है। यदि प्लांट के अंदर कर्मचारी होते तो बडी जन हानि होने की संभाना होने से इंकार नही किया जा सकता परंतु ब्लास्ट के पहले ही सभी कर्मचारियो ने सूङा बूङा का परिचय देते हुए मौके से भाग निकले थे।
रात में लगी आग
रात 12 बजकर 8 मिनट पर एक बडा ब्लास्ट हुआ जो कि टरबाईन मे लगे नाईट्रोजन सिलेण्डर का था। जिसकी जह से पूरे इकाई मे आग फैल गई और बाकी लगे संयंत्र भी ध्वस्त हो गये। लगभग सात घंटे तक आग संयंत्र मे लगी रही। पूरे संभाग से आनन-फानन मे दमकल गाडियों की व्यस्था की गई बाजूद इसके पहले ही संयंत्र के सभी तकनीकी यंत्र नष्ट हो चुके थे। देर रात से अभी तक किसी भी मीडियाकर्मी को प्लांट के अंदर जाने की अनुमति नही दी गई थी एवं मुख्य अभियंता श्री राम ने मीडिया से बात करने से साफ मना कर दिया था। सुबह जब अतिरिक्त मुख्य अभियंता के गाडी का पीछा कर बात करने की कोशिश की तब उन्होने बात करने के लिए कहा और टरबाइन के पैरामीटर के बढने की बात कही। अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने मीडिया को बताया कि शासन का दबा द्यिुत उत्पादन के लिए हमेशा बना रहता है, कारण द्यिुत की मांग। जिस जह से क्षतिग्रस्त इकाई चलाना उनकी मजबूरी थी।
नीबू की तरह निचोडा गया यूनिट को
120 मेगााट की इकाई नंबर तीन में आग लगने का कारण लापराही मानी जा रही है अधिकारियों ने यह जानते हुए भी यूनिट की स्थिति ठीक नहीं है इसके बाद भी नींबू की तरह यूनिट को निचोड़ कर उत्पादन कर रहे थे और यह हादसा हो गया। यदि समय पर यूनिट का मेंटीनेस कराया गया होता तो ऐसा हादसा न होता।
करोड़ो का हुआ नुकसान
आग लगने के कारण तीन नंबर यूनिट पूरी तरह जलकर खाक हो गई जिसमें सरकार के करोड़ो रूपए नष्ट हो गये। हादसे के बाद पॉर प्लांट के अधिकारी पूरे मामले मेंं लीपापोती करने में जुट गए हैं। यहां पर हर एक अधिकारी दूसरे के सर आरोप मढकर अपने आप को बचाने में लगे हुए है।
जबलपुर से पहुंची जॉच टीम
सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक समाचार लिखे जाने तक अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के भीतर जबलपुर से पहुंची जॉच टीम घुस चुकी थी और सघनता से अपने जॉच को अंजाम देने में जुट चुकी थी।
बंद किये गये सभी गेट
सूत्रो ने बताया कि जॉच टीम के पहुंचने के बाद प्लांट के अंदर से किसी को बाहर जाने व अंदर आने की अनुमति नही दी गई है और इस प्लांट के सभी प्रवेश व निकासी द्वार को बंद कर सुरक्षा कर्मी तैनात किये गये है।
शिफ्ट इंचार्ज हुये निलंबित
सूत्रो के हवाले से देर शाम तक इस घटना की जॉच करने जबलपुर से पहुंची टीम ने घटना के दौरान ड्यूटी पर रहे सिफट इंचार्ज हीरासिंह प्रभारी कार्यपालन अभियंता को निलंबित कर दिया गया है।
इनका कहना है
टरबाईन के पैरामीटर बढने के कारण यह हादसा हुआ।
आर के गुप्ता
अतिरिक्त मुख्य अभियंता
चचाई थर्मल पावर प्लांट अनूपपुर