जब ओबामा की सिक्योरिटी हो सकती है तो ​महिलाओं की क्यों नहीं: हाईकोर्ट

राजेश चौधरी/दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की खिंचाई करते हुए कहा कि वह राजधानी दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए सीसीटीवी कैमरा क्यों नहीं हायर नहीं कर सकती। अदालत ने इस मामले में पुलिस से एक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस बी. डी. अहमद और जस्टिस संजीव सचदेवा की बेंच ने कहा कि अगर सरकार किसी और देश के मुखिया के विजिट के दौरान कैमरा लगा सकती है तो देश की महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसा क्यों नहीं हो सकता।

कैमरे हुए थे हायर
मामले की सुनवाई के दौरान अडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कोर्ट को बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की सुरक्षा और सर्विलेंस रखने के लिए राजधानी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा हायर करके लगाया गया था। उन्होंने कोर्ट को बताया कि गणतंत्र दिवस के मौके पर 850 कैमरे लगाए गए थे। पिटिशनर का कहना था कि 15,000 कैमरे लगाए गए थे लेकिन 850 कैमरे गणतंत्र दिवस के मौके पर लगाए गए थे। ओबामा इस मौके पर चीफ गेस्ट थे। ये कैमरे रेंट पर लिए गए थे और यह किसी और की प्रॉपर्टी थी और उसे हायर किया गया था। हालांकि कोर्ट इस दलील से संतुष्ट नहीं हुई और कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर सरकार एक शख्स के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए थे तो हजारों और लाखों महिलाओं की सुरक्षा के लिए ये कैमरे क्यों नहीं लगाए जा सकते। अदालत ने आउटर दिल्ली में क्राइम के ग्राफ में होने वाले इजाफे पर चिंता जाहिर की। अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि वह दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राजधानी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने के लिए एक्शन प्लान लेकर आए।

क्यों उतारे जा रहे हैं कैमरे
सुनवाई के दौरान एडवोकेट मीरा भाटिया ने दलील दी कि सरकार ने सीसीटीवी पर पहले ही काफी खर्च कर चुकी है और ऐसे में सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह उन कैमरे को न हटाए और यथा स्थिति बहाल रखी जाए। उन्होंने दलील दी कि दिल्ली में कानून व व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है और ऐसे में समय की मांग है कि इन कैमरे को न हटाया जाए।

अतिरिक्त पुलिस बल पर भी सवाल
वहीं कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की इस बात को लेकर खिंचाई की है कि वह लोगों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। अदालत ने होम मिनिस्ट्री और फाइनांस मिनिस्ट्री से पूछा है कि वह दिल्ली पुलिस में अतिरिक्त पुलिस बल के मामले को क्यों क्लियर नहीं कर रहे हैं। अदालत ने कहा कि सरकार सेफ्टी के प्रति चिंतित नहीं है। अगर अतिरिक्त पुलिस बल की नियुक्ति की जाएगी तो इसमें आपको परेशानी क्या है आखिर पैसे तो टैक्स पेयर के जेब से जाएंगे। अदालत ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस बल के रिक्रूटमेंट के बारे में जो सरकार का रवैया और प्रोग्रेस है, उससे वह खुश नहीं है। अदालत ने सरकार से आग्रह किया कि वह देखे कि राजधानी दिल्ली में क्राइम रेट बढ़ रहा है और इसके लिए जरूरी है कि अतिरिक्त पुलिस बल तैनात हों। दिल्ली हाई कोर्ट महिलाओं की सेफ्टी से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही है।


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